खाने का बिगड़ा स्वाद: प्याज के दाम बढ़े, अदरक का भाव भी आसमान पर
आपको यहां पर बताएंगे कि प्याज और अदरक की कीमत दिन व दिन क्यों बढ़ रही है।
पहले टमाटर और अब प्याज और अदरक के दाम आसमान को छू रहे हैं। सरकार की ओर से बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज, दालों और खाद्य तेल की बिक्री के ऐलान और जमाखोरों पर कार्रवाई के आदेश के बावजूद कीमत लगातार बढ़ रही हैं। प्याज और अदरक के दामों में लगातार वृद्धि ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। स्थानीय सब्जी मंडियों में प्याज 40 से 60 रुपये किलो तक रही है। वहीं अदरक 150 से 180 रुपये किलो तक लोग खरीद रहे हैं। उत्पादक राज्य कर्नाटक में भी प्याज की कीमतें एक सप्ताह में दोगुनी हो गई हैं।
मंडी से व्यापारियों की मानें तो कीमत में उछाल आने का कारण बारिश और बाढ़ है। कई राज्यों में लगातार बारिश से प्याज और अदरक की फसलें बर्बाद हो गई हैं। ऐसे में आवक में कमी होने के कारण इनकी कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। नवभारत टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार ओनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (आजादपुर) के सेक्रेटरी श्रीकांत मिश्रा के अनुसार अदरक और प्याज की ज्यादातर आवक महाराष्ट्र, कर्नाटक, नासिक के अलावा कई अन्य राज्यों से है। जहां लगातार बारिश के कारण फसलें खराब हो गई हैं। वहीं प्याज और अदरक के दामों में उछाल आने का एक कारण जमाखोरी और मुनाफाखोरी भी है। हलांकि केंद्र सरकार उनके खिलाफ ऐक्शन ले रही है।
एक्सपर्ट के अनुसार अभी प्याज और अदरक की कीमतों में और अधिक वृद्धि की संभावना है। जुलाई में होने वाली प्याज की फसल के बाद किसान और व्यापारी इसे स्टॉक कर लेते हैं। किसान और व्यापारी मूल्य बढ़ने का इंतजार करते हैं। मूल्य वृद्धि पर धीरे-धीरे स्टॉक निकालते हैं। इस प्रकार की सरकार को नकेल कसने की ज़रूरत है। आजादपुर एपीएमसी के अनुसार, शुक्रवार को मंडी में 1,619.8 टन प्याज की आवक थी। जिसमें से राजस्थान से 672.2 टन, एमपी से 649.3 टन और महाराष्ट्र से 298.3 टन की आवक हो रही है।
इस पर सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज, दाल और खाद्य तेल की बिक्री करेगी। साथ ही कृत्रिम परिस्थितियां पैदा करने वाले जमाखोरों पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले दिनों ट्वीट किया कि पिछले कुछ दिन से सरकार की दालों और खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि पर नजर है। इसकी वजह जमाखोरों द्वारा पैदा की गई कृत्रिम कमी है।