महंगाई ने बढ़ाई टेंशन, प्याज के बाद अब सरसों तेल की कीमतों में तेजी
महंगाई ने आम आदमी का बजट बिलकुल हिला कर रख दिया है। पहले आलू फिर प्याज और अब सरसों तेल की बारी आई। सरसों तेल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की टेंशन बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: महंगाई ने आम आदमी का बजट बिलकुल हिला कर रख दिया है। पहले आलू फिर प्याज और अब सरसों तेल की बारी आई। सरसों तेल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की टेंशन बढ़ा दी है। एक तरफ एक के बाद एक त्योहारों आ रहा है दूसरी ओर महामारी से हलात खराब है और अब ये महंगाई भी आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा रही है।
8 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ चुके दाम
देशभर में इस वक्त प्याज की चर्चा ज़ोर शोर से हो रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्याज 70 रुपये किलो से लेकर 100 रुपये तक बिक रही है। लेकिन सरसो के तेल की तरफ अभी किसी का ध्यान नहीं गया है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 4 से 5 दिन में ही सरसो के तेल पर 8 से 15 रुपये प्रति किलोग्राम तक दाम बढ़ चुके हैं। अगर बीते एक साल की बात करें तो सरसो का तेल 50 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है। हाल फिलहाल इसके दाम काबू में आते हुए नज़र नहीं आ रहे हैं। ब्लेंडिंग का खत्म होना, सरसो का इस साल कम उत्पादन होना और तेलों के लिए बनी विदेशी नीति में कुछ बदलाव होने के चलते यह असर पड़ रहा है। लेकिन बीते 4 दिन पहले प्रति क्विंटल सरसो के दाम में 300 रुपये की तेजी आने के बाद तेल में फिर से उछाल आ गया है।
सरकार ने लिया ये निर्णय
आपको बता दें कि सरकार ने सरसों तेल में किसी अन्य तेल की मिलावट पर रोक लगा दी है। भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा सरसों तेल में मिलावट पर लगाई गई रोक एक अक्टूबर से लागू हो गई। सरकार का कहना है कि इस फैसले से उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरसों पैदा करने वाले किसानों को भी फायदा होगा।
130 से 145 रुपये लीटर तक पहुंची कीमत
खुदरा तेल कारोबारी की मानें तो साल 2019 के अक्टूबर में सरसो का तेल 80 से 105 रुपये लीटर तक बिक रहा था। लेकिन जनवरी में पाम आयल पर लगी पाबंदियों के चलते एक लीटर सरसो के तेल के दाम 115 से 120 रुपये लीटर तक पहुंच गए। नई सरसो की फसल आई तो पैदावार कम हुई। वहीं दूसरी ओर 1 अक्टूबर से एफएसएसएआई ने सरसो के तेल में ब्लेंडिंग पर रोक लगा दी। दाम 10 से 15 रुपये लीटर तक बढ़ गए। लेकिन सरसो के दाम में बढ़ोतरी होते ही तेल के दाम में भी उछाल आ गया है। अगर ब्रांडेड सरसो के तेल के दाम की बात करें तो बाज़ार में 130 से 145 रुपये लीटर तक पहुंच चुके हैं।
जल्द कम होगी प्याज की कीमत
दूसरी ओर अच्छी खबर ये आ रही है कि महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों से प्याज की खेप निकलकर सब्जी मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है। नासिक की मंडी की तस्वीर सामने आई है जहां प्याज की ट्रकें नजर आ रहीं हैं। वहीं थोक मंडी के विक्रेताओं की मानें तो प्याज की कीमत जल्द ही कम होगी। इस साल सूबे में बहुत बारिश हुई जिसके परिणाम स्वरूप प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा और इसकी कीमत आसमान छू रही है।
जानिए किसे कहते है ब्लेंडिंग
फूड इंस्पेक्टर रिटायर्ड का कहना है कि एक तय मात्रा के तहत सरसो के तेल में मिलाए जाने वाले दूसरे तेलों के सम्मिश्रण को ब्लेंडिंग कहते हैं। अभी तक सरसो के तेल में 20 फीसद तक ब्लेंडिंग होती थी। लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि एक तो प्योर सरसो इस्तेमाल होने से सरसो की खपत बढ़ेगी। दूसरे यह कि कुछ लोग ब्लेंडिंग की आड़ में मिलावट का धंधा चला रहे थे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अगामी फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में 370 लाख टन तिलहनों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें सरसों उत्पादन का लक्ष्य 93.36 लाख टन है। केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूतम समर्थन मूल्य 225 रुपये बढ़ाकर 4,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
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