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प्याज : हाफ सेंचुरी पार करते ही सरकार की बढ़ी टेंशन, कीमतें घटाने के लिए उठाया ये कदम

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नयी दिल्ली। प्याज की कीमतों का पारा एक बार फिर से चढ़ने लगा है। प्याज के बढ़ते दामों के साथ-साथ सरकार की टेंशन भी बढ़नी शुरू हो गई है। इसीलिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए आयात नियमों में ढील दी है। ये ढील सरकार की तरफ से 15 दिसंबर तक के लिए दी गई है। माना जा रहा है इस फैसले के पीछे बिहार चुनाव भी एक वजह है। सरकार ने विदेशों में मौजूद भारतीय उच्चायुक्तों से आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए वहां के व्यापारियों से संपर्क करने के लिए भी कहा है। सरकार ने उम्मीद जताई है कि खरीफ प्याज के मंडियों में जल्द ही पहुंचने की संभावना है, जिससे कीमतें कम हो सकेंगी। साल के आखिरी महीनों में हर बार मंडियों में सप्लाई की कमी से प्याज की कीमतो में तेजी देखी जाती है।

 

कहां पहुंचे के दाम

कहां पहुंचे के दाम

आयात नियमों में ढील देने का फैसला ऐसे समय लिया गया है जब हाल के दिनों में प्याज की रिटेल कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमतों में 11.56 रुपये प्रति किलोग्राम की तेज बढ़ोतरी से प्याज की ऑल इंडिया रिटेल कीमत 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। यह पिछले साल इसी समय प्याज के 46.33 रुपये प्रति किलो के मूल्य से 12.13 प्रतिशत अधिक है। यानी प्याज के दाम पिछले साल इन्हीं दिनों में 46.33 रु प्रति किलो थे।

निर्यात पर लगा दिया था बैन
 

निर्यात पर लगा दिया था बैन

खरीफ प्याज आने से पहले 14 सितंबर को सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का भी ऐलान कर दिया था। वो ऐलान भी सप्लाई कम होने के चलते कीमतों के मद्देनजर ही लिया गया था ताकि घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दरों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि प्याज के आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने 15 दिसंबर तक आयात के लिए प्लांट क्वारेंटाइन ऑर्डर, 2003 के तहत फ्यूमोसैनिटरी सर्टिफिकेट पर अतिरिक्त घोषणाओं और फ्यूमिगैशन के लिए शर्तों में ढील दी है।

क्यों बढ़े प्याज के दाम

क्यों बढ़े प्याज के दाम

मंत्रालय के अनुसार रिटेल कीमतों में बढ़ोतरी कुछ हद तक नियंत्रित की गई है, लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के प्रमुख प्याज उगाने वाले जिलों में हाल ही में भारी बारिश ने खड़ी खरीफ फसल, संग्रहीत प्याज और बीज नर्सरियों को नुकसान पहुंचाया है। मौसम के इस कहर की वजह से प्याज की कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। सरकार ने कहा कि 2020 के रबी सीजन में से प्याज का बफर स्टॉक बरकरार रखा गया है और इसे जारी किया जा रहा है।

आयातकों के लिए नियम

आयातकों के लिए नियम

जो लोग प्याज का आयात करना चाहते हैं उनसे एक अंडरटेकिंग ली जाएगी कि आयात की गई प्याज का इस्तेमाल सिर्फ खपत के लिए किया जाएगा। पीक्यू आदेश, 2003 के तहत आयात की शर्तों का पालन न करने के कारण खपत के लिए प्याज की खेप पर चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

प्याज : सरकार की तैयारी हुई हवा, दोगुने हो गए थोक के रेटप्याज : सरकार की तैयारी हुई हवा, दोगुने हो गए थोक के रेट

English summary

Onion retail price crossed half century Government took these steps to reduce prices

On September 14, before the arrival of Kharif onions, the government also announced a ban on onion exports. That announcement was also taken in view of the prices due to low supply.
Story first published: Thursday, October 22, 2020, 16:12 [IST]
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