Festive Season में प्याज-टमाटर की कीमतों ने निकाला तेल, जानिए रेट
नई दिल्ली, अक्टूबर 18। त्योहारी सीजन चल रहा है और लोगों के किचन का बजट बिगड़ रहा है। दरअसल रसोई के प्रमुख सामानों की कीमतों पर अंकुश लगाने के सरकार की कोशिशों के बीच, हाल के हफ्तों में कुछ उत्पादों की कीमतों में काफी तेजी देखने को मिल रही है। सरकार के लिए इसे एक कठिन चुनौती माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर ये आम जनता के लिए भी मुसीबत है। दालों और प्रमुख खाद्य तेलों की औसत कीमतें लगभग एक महीने पहले के रेट पर ही बनी हुई हैं, मगर प्याज और टमाटर की कीमतें बढ़ी हुई हैं। आम तौर पर बीते सालों में देखा गया है कि साल के आखिरी महीनों में प्याज की कीमतें आसमान छून लगती हैं।
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क्या हैं कारण
प्याज और टमाटर के दाम बढ़ने के पीछे 2 अहम कारण बताए जा रहे हैं। इनमें ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और गर्मियों की फसलों को नुकसान शामिल है। सरकारी आंकड़े, जो 100 से अधिक केंद्रों से मिली कीमतों के आधार पर तैयार हुए हैं, बताते हैं कि रविवार को प्याज की औसत कीमत एक महीने पहले के 28 रुपये की तुलना में बढ़कर 39 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। हालांकि एक साल पहले प्याज की औसत कीमत 46 रुपये प्रति किलो थी। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे कुछ शहरी केंद्रों में रविवार को प्याज की कीमत 50-65 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गयी।
टमाटर के दाम
टमाटर की कीमतों पर नजर डालें तो रविवार को इसका औसत भाव सितंबर में 27 रुपये प्रति किलो और एक साल पहले 41 रुपये प्रति किलो की तुलना में अब बढ़ कर 45 रुपये प्रति किलो हो गया है। यानी ये पिछले साल से भी अधिक। आंकड़ों से पता चलता है कि कोलकाता में टमाटर 93 रुपये किलो बिक रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बारिश के कारण टमाटर की कीमतों में और तेजी आ सकती है।
क्या कहती है सरकार
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बीते रविवार को एक बयान जारी किया और कहा कि प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें पिछले साल की तुलना में सस्ती हैं। यह भी कहा गया है कि सरकार ने बफर स्टॉक से अगस्त से प्याज को निकालना शुरू कर दिया है। आमतौर पर प्याज की कीमतें सितंबर-नवंबर के दौरान बढ़ जाती हैं क्योंकि स्टॉक खत्म हो जाता है और ताजी फसल नवंबर के मध्य तक आती है।
कहां-कहां तक पहुंचा प्याज
जैसा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि उसने बफर स्टॉक से प्याज जारी करना शुरू कर दिया है तो 12 अक्टूबर तक यह प्याज राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों में पहुंचा है। इनमें कोलकाता, लखनऊ, पटना, रांची, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई, चंडीगढ़ और मुंबई शामिल हैं। इन प्रमुख बाजारों के लिए कुल 67,357 टन प्याज जारी किया गया है।
किस रेट पर सरकार बेच रही प्याज
सरकार ग्रेड-बी प्याज (वो स्टॉक जो उचित औसत क्वालिटी से नीचे का हो) को महाराष्ट्र, एमपी और गुजरात के स्थानीय बाजारों में पहुंचाया जाता है। सभी राज्यों को स्टोरेज लोकेशनों से प्याज उठाने के लिए बफर से 21 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज की पेशकश की जा रही है।