For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

तुलना करें और फिर करायें बीमा- स्वास्थ्य, जीवन, कार, यात्रा और बहुत कुछ

By Super Admin
|

इंश्योरेंस यानी बीमा, जिसे करवाकर आप अपनी लाइफ में फाइनेंश‍ियल रिस्क को कम कर सकते हैं। वह रिस्क जो मृत्यु होने, बीमार पड़ने, दुर्घटना या संपत्त‍ि की क्षति होने पर होता है। कई और भी चीजें हैं जो बीमा में कवर होती हैं।

 

हम सब जानते हैं कि जीवन कब खत्म हो जाये, पता नहीं। हर किसी को वित्तीय रूप से इसके लिये तैयार रहना चाहिये। इस बात के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये कि मेरे बाद मेरे परिवार का क्या होगा। मेरे बाद मेरे परिवार को आर्थ‍िक सहायता कहां से मिलेगी। परिवार के लोग कैसे अपना खर्च उठायेंगे? बीमा वो है, जो आपके परिवार के भविष्य को सुरक्ष‍ित करता है।

 

इंश्योरेंस प्लान मात्र एक आर्थ‍िक सुरक्षा नहीं है, बल्क‍ि यह आपको कई प्रकार के टैक्स से भी बचाता है। तमाम कंपनियां हैं, जो अलग-अलग प्रकार के बीमा मुहैया कराती हैं। हम बात करने जा रहे हैं तरह-तरह के बीमा की, जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिये।

कार इंश्योरेंस

भारत में कार का इंश्योरेंस जरूरी है। आप इसे बच नहीं सकते। यह भी वैसा ही होता है, जैसा कि जीवन बीमा या स्वास्थ्य बीमा। अब तो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से यह बहुत आसान हो गया है। कई कंपनियां ऑनलाइन कार इंश्योरेंस भी मुहैया करवा रही हैं।

लेकिन हां अपनी कार का बीमा करवाने से पहले अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसी की तुलना जरूर कर लें। जो डील आपको सर्वोत्तम लगे, वही लें। फिर चाहे आपको रिन्युवल करवाना हो या लैप्स हुए बीमा को पुन: नये सिरे से करवाना हो। बेहतर होगा अगर आप इसमें एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर साथ में लें।

टर्म लाइफ इंश्योरेंस

भारत में टर्म लाइफ इंश्योरेंस कम ही लोग लेते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि जो पैसा वो प्रीमियम के रूप में भर रहे हैं, वो तो वापस आना नहीं है। एंडॉवमेंट पॉलिसी को देख उन्हें मनी बैक का लालच आ जाता है और टर्म इंश्योरेंस नहीं लेते।

जबकि यह एंडॉवमेंट पॉलिसी से एक दम अलग है। इसमें मनी बैक नहीं होता, लेकिन कवर बहुत ज्यादा होता है। यानी मनी बैक पॉलिसी में जितना प्रीमियम भर कर आप 2 लाख का इंश्योरेंस प्राप्त कर रहे हैं, टर्म इंश्योरेंस में उतने ही प्रीमियम में आपको 25 लाख या उससे ज्यादा का कवर मिल सकता है। यानी यदि दुर्भाग्यवश अगर आपकी मृत्यु होती है, तो परिवार को तुरंत 25 लाख रुपए मिलेंगे।

हां इसे कभी भी निवेश के रूप में मत लीलियेगा। अगर जीवन बीमा करवाना है, तो पहले एक टर्म इंश्योरेंस करवायें, उसके बाद मनीबैक पॉलिसी के बारे में सोचें।

मनी बैक इंश्योरेंस

अगर आप टर्म इंश्योरेंस ले चुके हैं, तो मनीबैक इंश्योरेंस के बारे में सोच सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट की जगह अगर आप मनी बैक इंश्योरेंस पॉलिसी में पैसा डालते हैं, तो ज्यादा बेहतर रहता है। इसमें पैसा ब्याज के साथ मिलता है और साथ में इंश्योरेंस कवर भी। अगर अकस्मात मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को ब्याज के साथ धन और ऊपर से इश्योंरेंस कवर का पैसा भी मिलता है।

अगर आपके जीवित रहते पॉलिसी मेच्योर हो जाती है, तो उतना ब्याज नहीं मिलेगा, जितना कि बैंक या सरकारी डिपॉजिट पर, लेकिन जब तक पॉलिसी रहती है, तब तक आप सुकून की नींद सो सकते हैं।

चाइल्ड प्लान

श‍िक्षा पर व्यय बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जरा सोचिये अगर आपका बच्चा 12वीं पास करने के बाद किसी अच्छी जगह सेलेक्ट हो जाता है, जहां लाखों में फीस देनी पड़े, तो आप अचानक पैसा कहां से लायेंगे। चाइल्ड प्लान ऐसे समय पर मददगार साबित होता है।

चाइल्ड प्लान के अंतर्गत पहले तो समय आने पर आपको एक मुश्त बड़ी धनराश‍ि मिलती है और दूसरी बात यह कि अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तब भी उसका लाभ बच्चे को मिलता है। यानी आपके नहीं रहने पर भी आपके बच्चे की श‍िक्षा जारी रहेगी। साथ ही प्रीमियम पर आपको आयकर के सेक्शन 80डी के तहत छूट भी मिलती है।

पॉलिसी के मेच्योर होने पर मिलने वाला पैसा सेक्शन 10 (10डी) के तहत टैक्सफ्री रहता है।

गंभीर बीमारी यानी क्रिटिकल इलनेस

अचानक अगर कोई गंभीर बीमारी लग गई, तो उसमें पैसा पानी की तरह बहता है। ऐसे में कई परिवारों के बैंक अकाउंट खाली जो जाते हैं। मरीज ठीक हो या नहीं हो, परिवार पर आर्थ‍िक संकट जरूर आ जाता है। ऐसे आर्थ‍िक संकट से बचने के लिये जरूरी है कि आप एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस लें, जो गंभीर बीमारी में आपके साथ खड़ा हो।
कई कंपनियां हैं, जो गंभीर बीमारियों पर इंश्योरेंस कवर दे रही हैं। इसे आप हेल्थ इंश्योरेंस के साथ भी ले सकते हैं, बस प्रीमियम में थोड़ा परिवर्तन रहेगा।


यात्रा बीमा

बहुत लोग यात्रा बीमा का मतलब समझते हैं, कि यात्रा करते वक्त अगर मृत्यु हो गई, तो परिवार को पैसा मिलता है। जबकि इसके अलावा कई चीजें इसमें कवर होती हैं। पासपोर्ट खोना, मेडिकल इमरजेंसी, सामान खोना, आदि भी इसमें शामिल है।

अगर आपने एक साल का यात्रा बीमा ले लिया। बीच में अगर आप कहीं जाते हैं, तो जिस दिन आपकी यात्रा शुरू होगी तब से लेकर यात्रा समाप्त होने तक आप इस इंश्योरेंस के तहत कवर रहेंगे। यह उन लोगों के लिये बहुत जरूर है, जो ऑफ‍िस के काम से आये दिन यात्रा करते हैं।

या फिर टर्म पॉलिसी लेते वक्त आप यात्रा बीमा का विकल्प भी चुन सकते हैं। तब प्रीमियम में थोड़ा परिवर्तन आता है। इसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा

अगर अचानक आपका स्वास्थ्य खराब हो गया और डॉक्टर ने महंगी दवाईयों की लंबी-चौड़ी लिस्ट पकड़ा दी। या फिर अचानक अगर एक्सीडेंट हो गया या फिर बीमार पड़ने पर आप अस्पताल में एडमिट हो गये। तब स्वास्थ्य बीमा आपके लिये खड़ा रहता है। इस बीमा को लेने से अस्पताल व दवाईयों का बिल कंपनी चुकाती है।

कई कंपनियां कार्ड मुहैया कराती हैं, जिसे दिखाकर आप कैशलेस इलाज करवा सकते हैं। यानी अस्पताल आपसे एक पैसा नहीं मांगेगा। कई कंपनियों ने तो स्वास्थ्य बीमा को अनिवार्य कर दिया है, क्योंकि मेडिकल इमरजेंसी कब आ जाये, पता नहीं होता।

यह दो प्रकार के होते हैं। पहला जिसमें सिर्फ एडमिट होने पर ही क्लेम कर सकते हैं। छोटी-मोटी बीमारियों पर अगर आप डॉक्टर को दिखाते हैं, तब उसका कोई क्लेम नहीं बनता है। अचानक दांत में कोई बड़ी समस्या आ गई और लंबा चौड़ा बिल बना, तो इसमें आपको कवरेज नहीं मिलता।

दूसरा विकल्प होता है होल कवरेज का, जिसमें बुखार आने, दांत में दर्द से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक पर डॉक्टर की फीस व दवाईयों का खर्च बीमा कंपनी उठाती है। बात अगर कर बचत की करें तो सेक्शन 80डी के तहत आपको 15,000 रुपए के दवाईयों के बिल पर कर में छूट मिलती है। वरिष्ठ नागरिकों को 20 हजार रुपए तक की दवाईयों के बिल पर कर में छूट मिलती है।


एंडॉवमेंट पॉलिसी

एंडॉवमेंट पॉलिसी वह बीमा होता है, जिसमें पॉलिसी के मेच्योर होने पर ब्याज समेत आपको एक मुश्त बड़ी धनराश‍ि मिलती है और तब तक आपकी लाइव इंश्योरेंस के तहत कवर भी रहती है।

एंडॉवमेंट प्लान एक प्रकार से सेविंग प्लान होता है, जिस पर इंश्योरेंस कवर मिलता है। अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो ब्याज समेत पैसा और जितने का इंश्योरेंस करवाया है उतना पैसा मिलता है। और अगर पॉलिसी धारक जीवित रहता है, तो मेच्योरिटी के बाद पैसा मिल जाता है।

जो लोग लॉन्ग टर्म निवेश की सोच रहे हैं, उनके लिये यह विकल्प अच्छा है, क्योंकि इसमें गारंटी रिटर्न के साथ बीमा भी है।


टू-व्हीलर इंश्योरेंस

टू-व्हीलर इंश्योरेंस भारत में अनिवार्य है। यह आपके साथ-साथ आपकी बाइक या स्कूटर को बीमा प्रदान करता है। यदि एक्सीडेंट में आपके वाहन को काई क्षति पहुंचती है, तो आप इसके अंतर्गत क्लेम कर सकते हैं। यदि कोई बड़ा डैमेज है या अंदर से कोई बड़ी खराबी आ गई है, तो आप इसके अंतर्गत क्लेम कर सकते हैं।

और तो और अगर दंगा, आगजनी, आदि के दौरान आपका वाहन फूंक दिया जाता है, तब भी कंपनी आपको पैसा देती है।

पेंशन प्लान

भारत में तमाम लोग सोचते हैं कि पेंशन सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलती है। जबकि तमाम इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जो पेंशन प्लान देती हैं। ये वो प्लान हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपके भविष्य को सुरक्ष‍ित करती हैं।

वैसे सच पूछिए तो जिस दिन से आपकी नौकरी लगे, उसी दिन से रिटायरमेंट के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिये। नौकरी के दौरान आपको एक छोटी सी धन राश‍ि हर महीने, तीन महीने पर, छह महीने पर या साल में देनी होती है। इसमें आपको 80 सीसीसी के तहत कर में छूट भी मिलती है। और अंत में जब आप रिटायर होते हैं, तब आपको पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। आपकी मृत्यु के बाद आपके जीवन साथी/संगिनी को पेंशन की धनराश‍ि मिलती है।


पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस

पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस प्लान वो होते हैं, जिनमें दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार को धन राश‍ि मिलती है। और हां, मृत्यु होने पर ही नहीं अपाहिज होने पर भी इंश्योरेंस कंपनी पैसा देती है, जिससे आपका बाकी का जीवन सुरक्ष‍ित हो जाता है।

इसमें छोटी-मोटी चोट लगने से या बमारी लगने से मृत्यु होने या अपाहिज होने पर कवरेज नहीं मिलता है।

Read more about: insurance health insurance
English summary

All about Insurance (Bima) in Hindi, Compare and Buy

stocks
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X