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प्याज : देश में मच रहा हाहाकार, मगर फिर से निर्यात की तैयारी

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नयी दिल्ली। प्याज का संकट फिर से गहराता दिख रहा है। एक बार फिर से प्याज के दाम काफी बढ़ गए हैं। सरकार ने इसी को देखते हुए हर किस्म की प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। मगर अब भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश सहित सभी देशों में बंदरगाहों पर पड़ी प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है। कोलकाता क्षेत्र में बंदरगाह पर 20,089 मीट्रिक टन प्याज पड़ा हुआ है, जबकि मुंबई-II क्षेत्र में 4,576 मीट्रिक टन प्याज रखी हुई है। इसके अलावा त्रिची और नागपुर जैसी अन्य जगहों पर क्रमशः 933 और लगभग 258 मीट्रिक टन प्याज बंदरगाहों पर पड़ा है।

बांग्लादेश ने जताई थी चिंता

बांग्लादेश ने जताई थी चिंता

केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर पाबंदी के फैसले पर बांग्लादेश ने काफी चिंता जाहिर की थी। केंद्र सरकार ने सोमवार को घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को कम करने के उद्देश्य से तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले से कटी, टुकड़ों और पाउडर फॉर्म वाली प्याज को बाहर रखा गया था। भारत ने पिछले साल भी सप्लाई बढ़ा कर कीमतों को कम करने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया था। तब भी बांग्लादेश भारत के इस फैसले से प्रभावित हुआ था। पिछले साल भी सितंबर में निर्यात रोका गया था, जिसे इस साल मार्च में जाकर फिर से शुरू किया गया।

हालात हुए नियंत्रण से बाहर

हालात हुए नियंत्रण से बाहर

इस सप्ताह के शुरू में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के कदम से बांग्लादेश में प्याज की कीमतों में भारी वृद्धि हुई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में विभिन्न बंदरगाहों और भूमि सीमाओं पर बांग्लादेश के सैकड़ों प्याज के ट्रक फंस गए। भारत सरकार के लिए भी निर्यात रोकना एक मजबूरी थी। असल में सप्लाई गड़बड़ा जाने से राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में प्याज के दाम काफी बढ़ गए हैं। सप्लाई में कमी के कई कारण हैं इनमें लॉकडाउन के दौरान भारी मात्रा में गोदामों में प्याज का सड़ना शामिल है।

सरकारी तैयारी नाकाफी रही

सरकारी तैयारी नाकाफी रही

प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार बफर स्टॉक बनाती है, जिससे कि सप्लाई कम होने पर स्टॉक का प्याज निकाल कर सप्लाई बढ़ाई जा सके। नाफेड (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) ने प्याज की भारी मात्रा में खरीदारी की थी। कीमतों को स्थिर रखने के लिए 2020 में नाफेड ने 100,000 टन प्याज खरीदने का लक्ष्य रखा था, जो पूरा भी हुआ। मगर लॉकडाउन में प्याज सड़ने का प्रतिशत बढ़ा। वहीं बारिश ने अहम भूमिका अदा की। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में स्टोर की गई प्याज पर बारिश का कहर बरसा।

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English summary

outcry for Onion in the country its but rotting at ports

The central government on Monday banned the export of all types of onions with immediate effect with an aim to increase domestic supply and reduce prices.
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