Gold : अब भारत में ही तय होंगे दाम, जानिए इसका रेट पर असर
नई दिल्ली। दुनिया में गोल्ड की खपत के मामले में टॉप 5 देशों में भारत ने अब बड़ा फैसला लिया है। जल्द ही देश में ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके बाद देश में गोल्ड के रेट तय होंगे। अभी देश में गोल्ड का रेट लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) से होता है। यही के भाव देखकर भारत में सोने का रेट तय होता है और उसी आधार पर कारोबार होता है। हालांकि यह चौंकाने वाली है बात है कि देश में आजादी के 70 साल के बाद भी गोल्ड का रेट विदेश के एक्सचेंज से होता है। इससे विदेशी कारण भारत के गोल्ड रेट पर हावी हो जाते हैं, जिससे भारत में गोल्ड खरीदने वालों को नुकसान होता है। आइये जानते हैं कि गोल्ड का रेट तय करने के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है।
जानिए क्या है तैयारी
भारत में अब इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां पर गोल्ड और सिल्वर पर स्पॉट ट्रेडिंग हो सकेगी। जैसे ही भारत में यह बुलियन एक्सचेंज खुलेगा, तो इसका सबसे बड़ा फायदा देश में सोने की कीमत खुद तय करने से हो सकेगी। अंतरराष्ट्रीय सटोरियों के कारण भारत में बेवजह सोने के भाव ऊपर नीचे होते हैं, जो इसके बाद नहीं हो सकेंगे।
कहां खुलेगा बुलियन एक्सचेंज
बुलियन एक्सचेंज को गुजरात स्थित अहमदाबाद के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) में स्थापित किया जाएगा। इस बुलियन एक्सचेंज की स्थापना की तैयारी इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी (आईएफएससीए) की देखरेख में हो रही है। वहीं आईएफएससीए बुलियन एक्सचेंज के नियामक के रूप में भी काम करेगा।
बुलियन एक्सचेंज के बारे में सरकार ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बुलियन एक्सचेंज के बारे में बताया कि अगले कुछ महीनों में यह एक्सचेंज काम करने लगेगा। एक औद्योगिक संगठन के वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि भारत विश्व भर में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। ऐसे में सरकार ने अपना बुलियन एक्सचेंज शुरू करने का फैसला किया है। जहां तक गोल्ड की खतप की बात है तो वर्ष 2019 में भारत में लगभग 700 टन सोने की खपत हुई थी।
कौन कर सकेगा इस बुलियन एक्सचेंज में ट्रेडिंग
इस बुलियन एक्सचेंज में देश के बैंक, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेड फंड (ईटीएफ), एमएमटीसी जैसी सरकारी एजेंसी को यहां की सदस्यता दी जाएगी। वहीं बड़े ज्वैलर्स को सब-डीलरशिप भी दी जा सकती है।
जानिए अभी भारत में कैसे तय होते हैं सोने के भाव
लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) में रोज सोने के भाव खुलता है। यही भाव देश में सोने के भाव का आधार होता है। लंदन में जब भाव खुलते है, तब तक भारत में दिन के करीब 4 बज चुके होते हैं। ऐसे में भारत के सराफा कारोबारी न्यूयार्क और जापान बुलियन एक्सचेंज के भाव को देखते हुए औसतन भाव के आधार पर काम शुरू कर देते हैं। लंदन में जो भाव खुलता है, वह प्रति औंस में होता है। इसकी कीमत डॉलर में तय होती है। एक औंस 31.103 ग्राम के बराबर होता है। ऐसे में मान लीजिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1910 डॉलर प्रति औंस की कीमत खुली। अब इसमें 12.5 फीसद आयात शुल्क और प्रति औंस 2 डॉलर जोड़ दिया जाता है। फिर जो कीमत आती है, उसके हिसाब से भारत में सोने की खुदरा बिक्री होती है। रुपये को डॉलर में बदलने जैसे काम में प्रति औंस 2 डॉलर तक का शुल्क लगता है। अब भारत में बुलियन एक्सचेंज बनने से इसमें राहत मिलेगी, और सोने का रेट कुछ कम भी हो सकता है। कई बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम गिरावट के साथ खुलते हैं, लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी होने पर भारत में सोने के दाम में तेजी रहती है। लेकिन जैसे ही भारत में बुलियन एक्सचेंज शुरू हो जाएगा इन दिक्कतों और जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा गोल्ड का रेट भारत के समय के हिसाब से सुबह ही तय हो जाया करेगा।
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