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Gold हॉलमार्किंग के लागू होने की लास्ट डेट आगे बढ़ी, जानिए क्या है ये नियम

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नई दिल्ली, मई 25। देश में कोविड-19 की स्थिति और महामारी की बढ़ती दूसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों को लागू करने का फैसला टाल दिया है। सरकार के इस फैसले से गोल्ड ज्वेलर्स को और अधिक समय मिल गया है। सरकार ने हितधारकों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए यह फैसला लिया है। इससे पहले सोने के गहनों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 1 जून 2021 से शुरू होनी थी। मगर अब इसे आगे बढ़ा कर 15 जून कर दिया गया है। 15 जून से देश भर में गोल्ड हॉलमार्किंग जरूरी होगी।

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क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग

क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग

हॉलमार्किंग से गोल्ड की शुद्धता पहचानी जाती है। इस समय हॉलमार्किंग जरूरी नहीं है। बता दें कि पहले 15 जनवरी से हॉलमार्किंग का नियम लागू होना था। मगर बाद में इसकी डेडलाइन को बढ़ा कर 1 जून कर दिया गया। अब फिर से इसे 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। हॉलमार्क क अनिवार्य होने से ज्वेलर और ग्राहक दोनों फायदा में रहेंगे। असल में हॉलमार्क के बाद ग्राहक और ज्वेलर दोनों संतुष्ट रहेंगे। हॉलमार्क से ग्राहकों को शुद्ध सोना मिलेगा। बीआईएस हॉलमार्किंग में ज्वेलर्स का रजिस्ट्रेशन और एसेयिंग एंड हॉलमार्किंग (एएंडएस) की मान्यता प्राप्त होती है।

सिर्फ 30 फीसदी ज्वेलरी पर है हॉलमार्क

सिर्फ 30 फीसदी ज्वेलरी पर है हॉलमार्क

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग योजना के तहत ज्वेलर हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए रजिस्टर होते हैं। बीआईएस (हॉलमार्किंग) विनियम, 14.06.2018 से लागू किए गए थे। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं/आभूषण खरीदारों को सही ज्वेलरी चुनने में मदद मिलेगी और उन्हें सोना खरीदते समय किसी भी अनावश्यक भ्रम से बचाएगी। इस समय केवल 30% ज्वेलरी पर हॉलमार्क हैं।

क्यों आगे बढ़ी थी डेट

क्यों आगे बढ़ी थी डेट

इससे पहले सरकार गोल्ड हॉलमार्किंग 15 जनवरी 2020 से शुरू होनी थी। मगर पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए इस अंतिम तिथि 1 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। गोल्ड हॉलमार्किंग से भारत विश्व में एक प्रमुख गोल्ड मार्केट सेंटर के रूप में उभरेगा।

कैसे होगी ज्वेलरी की मार्किंग

कैसे होगी ज्वेलरी की मार्किंग

ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के लिए ज्वेलर्स को बीआईएस के एएंडएच सेंटर पर आभूषण पेश करते हैं। इसी सेंटर पर ज्वेलरी की क्वालिटी चेक होती है। क्वालिटी चेक होने के बाद बीआईएस की तरफ से ज्वेलरी पर मार्किंग की जाती है। हलमार्किंग से पहले ज्वेलर को बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ज्वेलर्स के लिए बीआईएस के साथ रजिस्ट्रेशन प्रोसेस काफी आसान है। कोई भी ज्वेलर घर बैठे ही बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन करा सकता है। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी तरह ऑनलाइन है। यदि आप एक ज्वेलर हैं और बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो www.manakonline.in पर जाएं और जरूरी दस्तावेजों सहित रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें। इस आसान प्रोसेस के बाद आप बीआईएस के पास रजिस्टर्ड ज्वेलर बन जाएंगे।

कितनी देनी होनी होती है फीस

कितनी देनी होनी होती है फीस

5 करोड़ रु टर्नओवर वाले ज्वेलर के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 7500 रु, 5 से 25 करोड़ रु तक टर्नओवर वाले ज्वेलर को 15 हजार रु और 25 से 100 करोड़ रु तक टर्नओवर वाले को 40 हजार रु और इससे अधिक टर्नओवर वाले को 80 हजार रु बतौर फीस देने होंगे।

English summary

Last date of implementation of Gold Hallmarking goes ahead know what these rules are

The hallmarking rule was to come into force from January 15 first. But later its deadline was increased to 1 June. Now again it has been carried forward for 15 days.
Story first published: Tuesday, May 25, 2021, 14:00 [IST]
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