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अब झूठे वादे करने वाले बिल्डर होंगे बेनकाब

By Ashutosh
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आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा है कि रियल एस्टेट कानून एक पथ प्रदर्शक कानून है, जिससे आने वाले समय में कायापलट होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक ऐसा तंत्र बनाया है जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र का उचित तरीके से संचालन और खरीददार को मजबूत बनाना सुनिश्चित किया जा रहा है।

भारत में रियल एस्टेट का इतिहास

भारत में रियल एस्टेट का इतिहास

उन्हेंने कहा कि,‘मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि भारत में रियल एस्टेट का इतिहास दो खंडों में देखा जाएगा, रेरा से पूर्व और रेरा के बाद। रेरा से पूर्व के चरण का वर्णन अनेक लोगों के घर का सपना और महत्वाकांक्षा के रूप में किया जा सकता है जिस सपने को कुछ लोगों ने थोड़े से समय में चकनाचूर कर दिया। हम अभी उस चरण से नहीं निकले हैं।' पुरी ने ‘नीति, सुधार और नियंत्रणः भारतीय रियल एस्टेट की रीढ़' विषय पर आरआईसीएस रियल एस्टेट सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

 झूठे वादे, अपूर्ण आवासीय परियोजनाएं होंगी बंद

झूठे वादे, अपूर्ण आवासीय परियोजनाएं होंगी बंद

सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि धनराशि का अभाव मकान लेने में एक समस्या है। आवासीय क्षेत्र में बहुत कम पारदर्शिता है। झूठे वादे, अपूर्ण आवासीय परियोजनाएं उन अभागे नागरिकों की अनकही विपत्तियों को दर्शाती है जिन्होंने अपनी पूरी जमा पूंजी मकान खरीदने में लगा दी है। हम अभी भी उन थोड़े से लोगों के सफाये की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है जिनकी चूक के कारण अनेक ऐसे डेवलपरों की छवि धूमिल हुई है जो अपना क्रय-विक्रय सही तरीके से कर रहे हैं।

अभी 1 करोड़ लोगों को मकान की जरूरत

अभी 1 करोड़ लोगों को मकान की जरूरत

2011 में कराए गए एक तकनीकी अध्ययन का जिक्र करते हुए जिसमें शहरी इलाकों में 18.76 मिलियन मकानों की कमी की जानकारी दी गई थी, जिसमें 96 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस खंड और एलआईजी हाउसिंग में थी, पुरी ने कहा कि इसके बाद किए गए आकलनों में इस आंकड़े में संशोधन हुआ है और इसका अंतिम विश्लेषण किया जा रहा है, मकानों की कमी 10 मिलियन इकाइयों के आस-पास अथवा इससे अधिक हो सकती है जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के जरिए दूर किया जाएगा।

पीएम आवास योजना के जरिए मिल रहा है लाभ

पीएम आवास योजना के जरिए मिल रहा है लाभ

पुरी ने कहा कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), कम आय वाले समूह (एलआईजी) और मध्यम आय वाले समूह (एमआईजी) के लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराना है। ‘हमने निजी भागीदारी के जरिए आवास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न पीपीपी मॉडल जारी किए है। इस योजना की विशेषता है कि सरकार भूमि उपलब्ध कराएगी और प्रत्येक एलॉटी को सब्सिडी प्रदान करेगी और शेष धनराशि बैंकों से आसान शर्तों पर लेने में सहायता करेगी। आवास महिला के नाम पर अथवा परिवार के पुरुष सदस्य के साथ संयुक्त रूप से होगा। इससे महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने में मदद मिलेगी। इसमें एक रसोई और शौचालय होगा तथा बालिका की सुरक्षा की व्यवस्था होगी।'

बुनियादी जरूरतें हो रही हैं पूरी

बुनियादी जरूरतें हो रही हैं पूरी

आवासीय क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए पुरी ने कहा कि आवास और देश में बुनियादी ढांचे की मांग को पूरा करने में यह उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है और कृषि के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है जिसमें देश में 6.86 प्रतिशत कामगारों को रोजगार मिला हुआ है।

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English summary

Real Estate act- a pioneering legislation

Housing and Urban Affairs has stated that the Real Estate Act is a pioneering legislation which will have a long term transformative effect.
Story first published: Thursday, November 16, 2017, 16:46 [IST]
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