TAX FREE लाभ के लिए पीपीएफ (PPF) में करें निवेश
पीपीएफ का पूरा अर्थ है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, ये एक निवेश स्कीम है। यह एक ऐसी स्कीम है जिसे केन्द्र सरकार के द्वारा पीपीएफ एक्ट, 1968 के तहत चलाया गया है। इस निवेश स्कीम का लाभ भारत में लाखों लोग उठा रहे हैं।
क्या है पीपीएफ
पीपीएफ, पूर्णत: सरकार समर्थित योजना है जो कि दीर्घ काल तक छोटी बचत करने के लिए बनाई गई है, जिसमें धन की पूरी सुरक्षा और आकर्षक ब्याज प्राप्त होता है और इसमें मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से कर मुक्त (टैक्स फ्री) होता है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।
पीपीएफ योजना
पीपीएफ योजना के तहत, खातेदार को इसका विशेष खाता खुलवाना होता है जिसे आसानी से कुछ दस्तावेज़ों को जमा करने और पूरी प्रक्रिया को फॉलो करने के बाद खुलवाया जा सकता है। इस खाते में एक वर्ष में न्यूनतम 500 रूपए और अधिकतम 1,50,000 रूपए जमा किए जा सकते हैं।
80C के तहत कर में छूट
पीपीएफ में निवेश करने वाले व्यक्ति को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर में छूट का लाभ मिलता है। वहीं पीपीएफ पर ब्याज दरें भी काफी अच्छी हैं, ब्याज से होने वाली आय या लाभ पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ पर ब्याज से होने वाली आय पूरी तरह से करमुक्त है। वर्तमान में पीपीएफ पर
असंगठित क्षेत्र को मिलती है सुरक्षा
इस कार्यक्रम की शुरूआत, सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में स्व-नियोजित व्यक्तियों और श्रमिकों को सेवानिवृत्ति सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। पीपीएफ के सदस्य खाते से ऋण, वापसी और विस्तार जैसे सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
टैक्स सेविंग टूल
आजकल पीपीएफ को उन लोगों के लिए सबसे अच्छी कर बचत योजना माना जाता है जिनको कुछ टैक्स बचाने के लिए निवेश करने की जरूरत होती है।
एक व्यक्ति का एक ही खाता
अमूमन आपने देखा होगा कि एक व्यक्ति के एक से अधिक बैंकों में खाते होते हैं लेकिन पीपीएफ के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं है। पीपीएफ, एक व्यक्ति के नाम पर एक ही बार खुलता है। अगर कोई अवयस्क है तो उसके पक्ष से माता-पिता के नाम से यह खाता खोला जा सकता है। लेकिन किसी भी एक व्यक्ति के दो पीपीएफ खाते नहीं हो सकते हैं।
नाबालिग
अगर कोई नाबालिग है तो उसके नाम से माता या पिता में से कोई एक ही उसके पक्ष से पीपीएफ खाता खुलवा सकता है। जिन दम्पत्ति को दो बच्चे हैं उनके घर में चार पीपीएफ खाते हो सकते हैं। जिनमें से दो दम्पत्ति और दो संतान के नाम पर होंगे।
एनआरआई
अनिवासी भारतीय (एनआरआई), वह भारतीय होते हैं तो भारत के पासपोर्ट पर किसी और देश में जाकर कार्य, पढ़ाई या व्यापार करते हैं और छ: महीने से अधिक का समय व्यतीत करके आते हैं। आपको बता दें कि एनआरआई, भारत में पीपीएफ खाते को खुलवाने के लिए योग्य नहीं हैं।
भारतीय निवासी, जिसे एनआरआई का दर्जा प्राप्त है
एक निवासी, जो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम के तहत निर्धारित अवधि के दौरान अनिवासी भारतीय बन जाता है, वह नॉन-प्रत्यावर्तन आधार पर अपनी परिपक्वता अवधि तक इस फंड की सदस्यता लेना जारी रख सकता है। फंड को नकद या एनआरओ खातों के माध्यम से पीपीएफ खाते में हस्तांतरित किया जा सकता है जो कि वह खाता है जिसे उसके एनआरआई बनने से पहले खोला गया था। फंड भी इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा स्थानांतरित किया जा सकता है। एनआरआई द्वारा बनाये गए ऐसे खाते, परिपक्वता के समय पांच वर्षों के विस्तार के लिए पात्र नहीं होंगे।
हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ)
13 मई 2005 से, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), पीपीएफ योजना के तहत कोई खाता नहीं खोल सकता है। हालांकि, उस तिथि से पहले खोले गए खाते परिपक्वता तक अपने खाते में सदस्यता जारी रख सकते हैं। वे किसी भी और खाते का विस्तार नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर एचयूएफ, पीपीएफ का लाभ नहीं उठा सकते हैं।