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कश्मीर : मुकेश अंबानी के बाद ये कंपनी भी निवेश की इच्छुक

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद नए बने केंद्रशासित प्रदेश अब देश के बड़े उद्योगपतियों के लिए निवेश का नया डेस्टिनेशन बनने जा रहे हैं। कई औद्योगिक घरानों ने इस दिशा में अपनी कवायद शुरू कर दी है। इस सिलसिले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद अब डालमिया समूह के चेयरमैन संजय डालमिया ने कहा है कि वह दो महीने में निवेश संबंधी अपनी कार्ययोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे।

उद्योगपति और पूर्व राज्यसभा सदस्य संजय डालमिया ने कहा है कि वह नए बने केंद्र शासित प्रदेशों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक कार्ययोजना पर काम कर रही है, और दो महीने के भीतर इसका खाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे। बकौल डालमिया, प्रदेश में नए निवेश की उनकी इस कार्ययोजना में उनकी बंद पड़ी फैक्टरी को चालू करना भी शामिल है। जम्मू स्थित डालमिया की सिगरेट फैक्टरी पिछले कई सालों से बंद है।

कश्मीर : मुकेश अंबानी के बाद ये कंपनी भी निवेश की इच्छुक

मुख्यमंत्री ने नहीं दिया मिलने का समय
उन्होंने कहा कि मैं पहले भी जम्मू-कश्मीर में निवेश करना चाहता था, लेकिन वहां के शासकों में गंभीरता नहीं होने की वजह से मैंने अपना फैसला बदल लिया। गंभीरता से उनका अभिप्राय पूछे जाने पर डालमिया ने बताया, "अपनी निवेश योजनाओं को लेकर मैं वहां के मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था, लेकिन तीन-चार महीने तक इंतजार करने के बाद भी उनसे मुलाकात का वक्त नहीं मिला।" उन्होंने हालांकि मुख्यमंत्री का नाम जाहिर करने से मना कर दिया, लेकिन बताया कि इससे उनका मनोबल टूट गया और उन्होंने अपनी योजना बदल डाली।

प्रदेश के विकास में बाधा थे शासक
उन्होंने कहा, "पहले जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे, लेकिन उद्योग लगाने की मनाही नहीं थी, फिर भी लोग वहां नहीं जाते थे। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि वहां के राजनेता, शासक नहीं चाहते थे कि प्रदेश का विकास हो और लोगों को रोजगार मिले।" उद्योगपति संजय डालमिया ने अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि वहां अब रोजगार पैदा करने की जरूरत है, क्योंकि युवाओं को जब काम मिलेगा तब वे पत्थर फेंकने का काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वहां कानून-व्यवस्था दुरुस्त होगी और दूसरे प्रदेशों के कारोबारी वहां पहुंचेंगे और नए उद्योग धंधों का विकास होगा।

फिक्की से जुड़े रहे हैं डालमिया
देश विभाजन से पूर्व से 1944 में लाहौर में पैदा हुए संजय डालमिया दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट हैं और वह पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व फिक्की जैसे उद्योग संगठनों से जुड़े हैं।

इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कहा कि उनकी कंपनी नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास में सहायक बनने को लेकर प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में कंपनी क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशने के लिए एक कार्यबल बनाएगी।

यह भी पढ़ें : कश्मीर पर मोदी को मिला मुकेश अंबानी का साथ, हुई ये बड़ी घोषणा

English summary

Dalmia Group Chairman Sanjay Dalmia also expressed his desire to invest in jammu and kashmir

Prior to Dalmia Group Chairman Sanjay Dalmia, Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani has also expressed his desire to invest in Jammu and Kashmir.
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