इस तरह से SIP म्यूचुअल फंड में करें निवेश
यहां पर आपको एसआईपी के माध्यम म्यूचुअल फंड में निवेश करने का तरीका बताएंगे।
बात जब निवेश का आता है तो उसमें म्यूचुअल फंड और एसआईपी का नाम सबसे आगे आएगा। जब बचत और निवेश की बात आती है तो ज्यादातर लोगों के मन में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट, सोना या रियल एस्टेट जैसे एसेट्स घूमने लगते हैं। गोल्ड रियल एस्टेट, फिक्सड डिपॉजिट आदि एसेट क्लास हैं, यानि ये ऐसे माध्यम हैं जो आपके द्वारा लगाए गए पैसों में बढ़ोत्तरी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहेंगे कि आपके पैसों में इन सबकी तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ोत्तरी हो?
कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि इक्विटी एक एसेट क्लास के तौर पर लंबे समय में सबसे बेहतरीन रिटर्न देते हैं। इनमें निवेश करने का सबसे बेहतरीन जरिया है म्यूचुअल फंड। आप इसमें 500 रुपए प्रति माह जितनी छोटी रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
इक्विटी में निवेश
शेयरों यानी इक्विटी में निवेश कर आप सबसे अधिक रिटर्न पाते हैं। इन फंडों में सिर्फ एक साल के निवेश करने से कोई फायदा नहीं होगा। इक्विटी फंडों में निवेश के लिए कम से कम 5 साल की समय-सीमा लेकर चलें तभी वास्तविक लाभ उठा पाएंगे।
म्यूचुअल फंड का SIP
जरुरी नहीं कि आप एक साथ 1 लाख रुपए का निवेश करें। यह भी जरुरी नहीं है कि आप शेयर बाजार में गिरावट आने की राह देखें। म्यूचुअल फंडों के सिप यानि सिस्टमैटिक इंन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश के लिए बाजार की स्थिति देखना या मोटी रकम का इंतजार करना गलती होगी। अगर आप प्रतिमाह कम से कम 500 रुपए का निवेश कर सकते हैं तो शुरु कर दीजिए। निवेश की समय-सीमा 5 लाख लेकर चलिए।
SIP का वास्तविक लाभ
वास्तव में सिप इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का सबसे बेहतरीन जरिया है। आप जितने पैसे लगाते हैं उसके बदले आपको उस म्यूचुअल फंड के यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं। मान लीजिए, आपके निवेश के समय बाजार में तेजी है और म्यूचुअल फंड का एक यूनिट 25 रुपए का है तो आपको 20 यूनिट 500 रुपए के बदले आवंटित किए जाएंगे। अगर अगले महीने बाजार में गिरावट आती है तो यूनिट की कीमत और घट कर 20 रुपए रह जाती है तो आपको 500 रुपए में ही 25 यूनिट मिलेंगे। इसी तरह जब बाजार में तेजी होगी तो कम यूनिट मिलेंगे और जब गिरावट का दौरा होगा तो ज्यादा यूनिट मिलेंगे।
म्यूचुअल फंडों का करें चुनाव
डायवर्सिफायड इक्विटी फंडों या मल्टीकैप म्यूचुअल फंडों की भरमार है। ऐसे में इनमें से कौन सा फंड चुना जाए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। खासतौर से उन लोगों के लिए जो पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। इसलिए फंडों के चयन का सबसे बड़ा पैमाना है उसका ट्रैक रिकॉर्ड। यानि कि यह देखें के बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद लंबे समय में उसका प्रदर्शन कैसा रहा।