भारत की जीडीपी की हालत अभी होगी और खराब, इस कंपनी ने जताया अनुमान
लगातार छठी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती बरकरार है।
नई दिल्ली: लगातार छठी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती बरकरार है। आज यानि मंगलवार को फिच ग्रुप की इंडिया रेटिंग्स एंड रिचर्स ने कहा कि इस जुलाई से सितंबर के बीच की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के 4.7 फीसद रहने का अनुमान है। इसके साथ ही एजेंसी ने चौथी बार इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को कम किया है। एजेंसी ने इस वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 5.6 फीसद कर दिया है।
दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के 4.7 फीसद रहने का अनुमान
बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जून की तिमाही में 5 फीसद की जीडीपी ग्रोथ प्राप्त की है। इसके बाद साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के 4.7 फीसद रहने का अनुमान है, जो कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की लगातार छठी तिमाही होगी। इससे पहले साल 2012 में इतनी कम जीडीपी ग्रोथ देखी गई थी। जीडीपी ग्रोथ रेट में कमी का यह अनुमान सरकार द्वारा कॉरपोरेट टैक्स कटौती सहित किये गए हालिया सुधारों के बावजूद लगाया जा रहा है।
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चौथी बार इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान में बदलाव
हालांकि रेटिंग एजेंसी ने जानकारी दी है कि, 'इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को बदलकर 5.6 फीसद कर दिया है। यह चौथी बार है, जब इस वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान में बदलाव किया गया है। एक महीने पहले एजेंसी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को बदलकर 6.1 फीसद किया था। माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े की घोषणा शुक्रवार को की जा सकती है।
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