बुरी खबर : कर्मचारियों के खिलाफ Ambani और Adani हुए एक, नौकरी के पड़ जाएंगे लाले
नई दिल्ली, सितंबर 23। भारत के दो सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप अडानी और रिलायंस ने एक समझौता किया हैं। उन्होंने 'नो पोचिंग' एग्रीमेंट किया है। इस एग्रीमेंट के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर्मचारी न अडानी ग्रुप में नौकरी कर सकेंगे और न अडानी ग्रुप के कर्मचारी रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम कर सकेंगे। ये जो एग्रीमेंट हैं। इस वर्ष मई से लागू हो गया हैं और ये जो एग्रीमेंट हैं। दोनों कंपनी से जुड़े हुए सभी कारोबार में लागू होगा।
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क्या हैं वजह एग्रीमेंट की
ये एग्रीमेंट यानी 'नो पोचिंग' एग्रीमेंट इसलिए भी जरूरी हैं। क्योंकि अडानी ग्रुप उन बिजनेस में भी एंट्री करने जा रहा है। जिस बिजनेस को रिलायंस पहले से ही कर रहा हैं। अडानी समूह ने पिछले वर्ष ही अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में एंट्री करने की घोषणा की थी। रिलायंस की उपस्थिति इस सेक्टर में पहले से ही हैं। उसके साथ ही अडानी समूह ने टेलीकॉम के अपनी एंट्री का पहला कदम बढ़ा दिया है। हाल ही में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए अडानी ने बोली लगाई हैं। वही हम ग्रीन एनर्जी सेक्टर की बात करते हैं तो अडानी समूह और अंबानी एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बनते दिख रहे हैं। मीडिया की बात करें तो रिलायंस के बाद अडानी ने भी अपनी एंट्री कर ली हैं।
इसका असर कितने कर्मचारियों पर होगा
इस एग्रीमेंट के कारण अब लाखों कर्मचारियों के रास्ते बंद हो गए हैं। रिलायंस के 3.8 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। वही अडानी ग्रुप के भी हजारों कर्मचारी मुकेश अंबानी की किसी भी कंपनी में काम नहीं कर पाएंगे।
चलन बढ़ रहा हैं देश में
देश में 'नो पोचिंग' एग्रीमेंट का चलन एक प्रथा के रूप में नहीं रहा है। लेकिन देश में अब इस एग्रीमेंट का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा हैं। सैलरी हाइक और टैलेंट वॉर के कारण से कंपनियां 'नो पोचिंग' एग्रीमेंट पर जोर दे रही है। कंपनियों के लिए एक रिस्क की तरह है। सैलरी हाइक या कर्मचारियों की बढ़ती सैलरी। खासकर उस सेक्टर में जहां टेलेंट बेहद कम हैं।