जीएसटी की प्रक्रिया होगी सरल और सुगम, सरकार उठाएगी महत्वपूर्ण कदम
जीएसटी को सरल और सुगम बनाने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे कुछ ऐसा ही कहना है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत की रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी। आपको बता दें विश्व बैंक की 2020 की कारोबार सुगमता सूची में भारत 14 पायदान ऊपर 63 वें स्थान पर आ गया है। इसका कारण ऋण शोधन मामलों के समाधान और निर्माण परमिट प्राप्त करने में सुधार है।
आपको बता दें कि सरकार ने अगले कुछ साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग मामले में 50 के भीतर आने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा संपत्ति पंजीकरण, कर भुगतान, बिजली कनेक्शन लेना और कारोबार शुरू करने के नियमों में सुधार हुआ है। हालांकि ऋण प्राप्त करने, अल्पांश निवेशकों का संरक्षण एवं ठेके को लागू करने के मामले में प्रभावी सुधार नहीं हुए।
इस बारे में सीतारमण ने कहा है कि अब प्रयास टॉप 50 में आने का होगा। उन्होंने कहा कि अभी कंपनी शुरू करने के मानदंड में केवल एक पायदान का सुधार हुआ है, अत: क्षेत्र में सुधार की कोशिश करनी होगी। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के मामले में कठिनाइयां कहां हैं, इसे समझना एक निरंतर प्रक्रिया है। हम इस बात पर भी गौर कर रहे हैं कि ऑनलाइन रिटर्न फाइल उपयोग करने में कहां समस्याएं हैं। इसीलिए जीएसटी को सरल बनाना निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जीएसटी की अगली बैठक जब भी होती है, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अनुपालन को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि अगले साल से रैंकिंग में विश्व बैंक कोलकाता और बेंगलुरू में कारोबारी माहौल को शामिल करेगा। वर्तमान में वह केवल दिल्ली और मुंबई को शामिल करता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अबतक देश के दो शहरों को ही शामिल किया जाता है। बड़े और क्षेत्रीय विविधता वाले देश में हमने विश्व बैंक से कहा था कि केवल कुछ शहरों को शामिल करने से सही प्रतिनिधित्व नहीं हो सकता है। इसीलिए आने वाले साल में कोलकाता और बेंगलुरू को शहरों की सूची में शामिल किया जाएगा।