BSNL MTNL की बिजली नहीं काटने का राज्य सरकार से किया आग्रह
दूरसंचार विभाग (telecom department) ने राज्य सरकारों से लंबित बकाये के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल (BSNL MTNL) की दी जा रही बिजली नहीं काटने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (telecom department) ने राज्य सरकारों से लंबित बकाये के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल (BSNL MTNL) की दी जा रही बिजली नहीं काटने का आग्रह किया है। बता दें कि सूत्रों का कहना हैं कि विभाग ने कहा कि दोनों कंपनियां अगले महीने से शुरू हो रहे आम चुनावों के लिये महत्वपूर्ण सेवाएं दे रही हैं, ऐसे में बकाये के कारण बिजली कनेक्शन (Electricity connection) नहीं काटा जाए। वहीं बीएसएनएल पहले ही बिजली मद में बकाया 90 प्रतिशत का भुगतान कर चुकी है और शेष अगले 15 से 20 दिनों में पूरा करने की उम्मीद कर रही है।
इस बात की जानकारी दें कि एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा हैं कि दूरसंचार विभाग की तरफ से एक पत्र राज्य के प्रमुख सचिवों को भेजा गया है। पत्र में उनसे एमटीएनएल और बीएसएनएल (BSNL MTNL) को मिलने वाली बिजली नहीं काटने का आग्रह किया गया है। इसका कारण कंपनियां चुनावों का प्रबंधन करने के लिये राज्य मशीनरी को महत्वपूर्ण सेवा उपलब्ध करा रही हैं।
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वहीं इस बारे में संपर्क किये जाने पर बीएसएनएल (BSNL) के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव का कहना हैं कि हमने बिजली कनेक्शन मद में कुल बकाये में से 90 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है। अब करीब 250 करोड़ रुपये बचे हैं। इसे अगले 15 से 20 दिनों में चुका दिया जाएगा। कुछ जगहों पर बिजली काटी गयी थी लेकिन उसे अब बहाल कर दिया गया है। एमटीएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार का कहना हैं कि एमटीएनएल (MTNL) के ऊपर कोई बिजली बिल(Eletricity bill) बकाया नहीं है। फरवरी अंत तक के सभी भुगतान किये जा चुके हैं।
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आपको इस बात से अवगत करा दें कि बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों अपने कर्मचारियों को फरवरी महीने का वेतन नहीं दे पाये थे। सरकार ने फरवरी महीने का वेतन भुगतान के लिये नकदी संकट से जूझ रही एमटीएनएल को 171 करोड़ रुपये का लंबित बकाया जारी किया है। जबकि बीएसएनएल ने आंतरिक संसाधनों से करीब 850 करोड़ रुपये बकाये वेतन का भुगतान किया। दूरसंचार क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कंपनियों ने सरकार से वित्तीय समर्थन को लेकर संपर्क साधा है, लेकिन केंद्र ने इस बारे में अबतक कोई निर्णय नहीं किया है।
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