5 PSU बैंकों को 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी देगी सरकार
यहां पर आपको ऐसे पांच सरकारी बैंकों के बारे में बताएंगे, जिन्हें सरकार 11336 करोड़ रुपए पूंजी प्रदान कर रही है।
बैंकों को उनकी जरुरतें पूरी करने के लिए सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों में उनकी जरुरतों को पूरा करने के लिए 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी डालने को मंजूरी दे दी है। रिर्पोट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में यह पहला मौका है जब सरकारी बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार के वादे के अनुसार शेष 53,664 करोड़ रुपए की पूंजी वित्त वर्ष के आने वाले महीनों में उपलब्ध कराई जाएगी।
पंजाब बैंक को मिलेगी सबसे ज्यादा राशि
रिर्पोट के अनुसार नीरव मोदी घोटाले का शिकार हुए पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 2,816 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे जबकि इलाहाबाद बैंक को 1,790 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा आंध्रा बैंक को 2,019 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक को 2,157 करोड़ और कॉर्पोरेशन बैंक को 2,555 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्तीय दबाव में हैं बैंक
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से कुछ बैंक ऐसे भी हैं जो कि अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड धारकों को ब्याज भुगतान करने की वजह से वित्तीय दबाव में आए हैं। यही वजह है कि उनके सामने नियामकीय पूंजी जरुरतों को पूरा करने में असफल होने का जोखिम खड़ा हुआ है। बैंक दीर्घकालिक पूंजी जुटाने के लिए काफी लंबी अवधि के एटी-1 जैसे बॉन्ड जारी करते हैं जिनपर आकार्षक ब्याज दिया जाता है।
पूंजी आधार पर सुधार लाने के लिए यह कदम
ऐसे में वित्त मंत्रालय ने ऐसी भारी तंगी का सामना कर रहे पांच बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है। फंसे कर्ज और बढ़ते घाटे का सामना कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के पूंजी आधार में सुधार लाने के लिए सरकार ने इन बैंकों को दो साल में 2.1 लाख करोड़ रुपए की पूंजी सहायता उपब्लध कराने की घोषणा की थी। इसके तहत बैंकों को 1.35 लाख करोड़ रुपए पुर्नपूंजीकरण बॉन्ड के जरिए दिए जाने थे जबकि शेष 58,000 करोड़ रुपए की राशि बाजार से जुटाने पर प्राप्त होंगे।
71,000 करोड़ रुपए पहले ही उपलब्ध करा दिए गए हैं
आपको बता दें कि सरकार ने 1.35 लाख करोड़ रुपए में से 71,000 करोड़ रुपए पहले ही उपलब्ध करा दिए हैं, जबकि शेष राशि वित्त वर्ष के आने वाले महीनों में उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अलावा सरकारी बैंक पूंजी बाजार में उतरने की भी योजना बना रहे हैं और चालू वित्त वर्ष के दौरान बाजार से 50,000 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद है।