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फ्री बैंकिंग जैसी नहीं होती कोई चीज, बैंक आपसे छुपाते हैं ये बातें

By Ashutosh
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बैंक आपसे कई चीजों का शुल्क (फीस/चार्ज) लेता है। हम जानते हैं कि बैंक ओवरड्राफ्ट, डिले पेमेंट, एटीएम से राशि निकालना आदि का शुल्क चार्ज करते हैं। इनके अलावा कई छुपे हुए या हिडन चार्जेज भी हैं जो शायद हमें पता नहीं हैं। चाहे हम पैसे खर्च करें या सेविंग, बैंक के पास आपको लुभाकर आपसे राशि वसूलने के कई तरीके हैं। आइये देखें जानें ऐसी ही 6 बातें जो बैंक हमसे छुपाते हैं या यूं कहें कि नहीं बताते हैं।

विज्ञापन में बताई गई दर कुछ और आपको मिलेगी कुछ और

विज्ञापन में बताई गई दर कुछ और आपको मिलेगी कुछ और

आपको कभी भी बैंक द्वारा विज्ञापन में बताई रेट नहीं मिलती है। बैंकों को हर आवेदक को विज्ञापन में बताई रेट बताने की आवश्यकता नहीं है। वे हर कस्टमर से अलग-अलग रेट लेते हैं। मसलन अगर आप बैंक से उस ऑफर के बारे में पूछ-ताछ करेंगे तो वह प्रिविलेज कस्टमर्स या फिर नए खाता धारकों के लिए रहती है।

जल्दी ऋण चुकाना ज़्यादा महंगा पड़ता है

जल्दी ऋण चुकाना ज़्यादा महंगा पड़ता है

लोग अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए अपना ऋण समय पर चुकाने की कोशिश करते हैं। लोग अपना लोन और ऋण ये सोचकर जल्दी चुकाते हैं कि ज़्यादा चार्ज ना लगे। बहुत से बैंक प्रत्याशित तारीख से पहले चुकाने पर भी फीस चार्ज कर लेते हैं। इसलिए तय वक्त पर ही शुल्क जमा करें। या फिर शुल्क जमा करने से पहले बैंक से इसके चार्जेस के बारे में पूछ लें।

कोई फ्री बैंकिंग नहीं होती

कोई फ्री बैंकिंग नहीं होती

चाहे बैंक आपसे मासिक शुल्क ना ले लेकिन फिर भी बैंकिंग फ्री नहीं है। ओवरड्राफ्ट शुल्क, क्रेडिट बैलेंस पर ब्याज के रूप में हम सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बैंक को शुल्क देते हैं। यहां तक कि डेबिट कार्ड के उपयोग का भी शुल्क आपसे ही बैंक लेता है।

स्वाइप चार्ज

स्वाइप चार्ज

जब आप अपनी राशि इस्तेमाल करते हैं तो भी बैंक आपसे चार्ज करता है। आजकल हर कोई डिजिटल हो रहा है। जब आप अपना डेबिट या क्रेडिट कार्ड दुकान पर इस्तेमाल करते हैं तो रिटेलर को इस ट्रांजेक्शन का शुल्क देना होता है। यह फीस मुख्यतः कस्टमर के बैंक खाते से ही जाती है।

मेंटेनेंस चार्ज

मेंटेनेंस चार्ज

बहुत से बैंक ग्राहकों से मेंटेनेंस चार्ज लेते हैं। कुछ बैंक इसे माफ़ कर देते हैं यदि आपके खाते में बैंक द्वारा निर्धारित राशि रहती हैं तो। इसलिए ज़ीरो मेंटेनेंस चार्ज वाला बैंक खाता ही चुनने में फायदा है। कई बार ये नियम रहता है कि खाते में 10 हजार या 5 हजार से कम राशि रहने पर बैंक जुर्माना लगा सकता है। इसलिए अगर किसी निजी बैंक में बचत खाता खुलवा रहे हैं तो इस बिंदु पर बैंक से जरूर पूछें।

डेबिट कार्ड फीस

डेबिट कार्ड फीस

कस्टमर को सालाना 100 से 500 रुपए डेबिट कार्ड फीस के रूप में देने होते हैं। यदि कार्ड खो जाता है या ख़राब हो जाता है तो बैंक नया कार्ड जारी करने का चार्ज लेता है। इसके अलावा एटीएम से निर्धारिक ट्रांजेक्शन से अधिक पैसे निकालने के बाद आपके ही खाते से 20 से 23 रुपए तक काट लिए जाते हैं।

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English summary

Banks Won't Reveal These Secrets To Customers

These days, savvy consumers are growing more aware of the many ways banks cheat their customers.
Story first published: Saturday, September 30, 2017, 14:48 [IST]
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