For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

RBI का बड़ा झटका : रेपो रेट आधा फीसदी बढ़ाया, महंगा होगा Loan

|

नई दिल्ली, सितंबर 30। रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में आधा फीसदी बढ़त की घोषणा की है। इस बढ़त के साथ रेपो रेट अब 5.90 फीसदी हो जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है। डेढ़ महीने पहले हुई मानिटरी पॉलिसी की बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट को आधा फीसदी बढ़ाया था। इसके चलते अब बैंक लोन और महंगे हो जाएंगे। वहीं माना जा रहा है कि बैंक एफडी की ब्याज दरें भी बढ़ा सकते हैं।

RBI का झटका : रेपो रेट आधा फीसदी बढ़ाया, महंगा होगा Loan

रेपो रेट 3 साल के उच्चतम स्तर पर

इस बढ़त के साथ रेपो रेट अपने 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस साल मई से रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़त का कारण महंगाई को रोकना बताया है।

आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान घटाया

महंगाई की दर चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में घटकर 6 फीसदी के आसपास आ जाएगी।

आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान घटा दिया है। पहले आरबीआई ने 7.20 फीसदी का जीडीपी का बढ़ने का अनुमान लगाया था। इसे घटा कर अब 7 फीसदी कर दिया गया है।

आरबीआई ने स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट को बढ़कर 5.65 फीसदी कर दिया है।

आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट को भी बढ़ाकर 6.15 फीसदी कर दिया है।

मोदी सरकार में रेपो रेट की हिस्ट्री

मोदी सरकार में रेपो रेट की हिस्ट्री काफी रोचक है। पूरे मोदी सरकार के कार्यकाल में यह दर कभी उतना नहीं रही जितनी दर ठीक मोदी सरकार के शपथ के ठीक पहले थी। जब मोदी सरकार ने कार्यकाल संभाला तो रेपो रेट की दर 8 फीसदी थी, जो फिर कभी उतनी नहीं हुई है।

ये है रेपो रेट का सफर

-5 अगस्त 22 को 5.40 फीसदी

-8 जून 22 को 4.90 फीसदी

-4 मई 22 को 4.40 फीसदी
-10 फरवरी 22 को 4 फीसदी
-8 दिसंबर 21 को 4 फीसदी
-8 अक्टूबर 21 को 4 फीसदी
-6 अगस्त 21 को 4 फीसदी
-4 जून 21 को 4 फीसदी
-7 अप्रैल 21 को 4 फीसदी
-5 फरवरी 21 को 4.00 फीसदी
-4 दिसंबर 20 को 4.00 फीसदी
-9 अक्टूबर 20 को 4.00 फीसदी
-6 अगस्त 20 को 4.00 फीसदी
-22 मई 2020 को 4.00 फीसदी
-27 मार्च 2020 को 4.40 फीसदी
-4 अक्टूबर 2019 को 5.15 फीसदी
-7 अगस्त 2019 को 5.40 फीसदी
-6 जून 19 को 5.75 फीसदी
-04 अप्रैल 19 को 6.00 फीसदी
-07 फरवरी 19 को 6.25 फीसदी
-05 दिसंबर 18 को 6.50 फीसदी
-05 अक्टूबर 18 को 6.50 फीसदी
-01 अगस्त 18 को 6.50 फीसदी
-06 जून 18 को 6.25 फीसदी
-05 अप्रैल 18 को 6.00 फीसदी
-07 फरवरी 18 को 6.00 फीसदी
-06 दिसंबर 17 को 6.00 फीसदी
-04 अक्टूबर 17 को 6.00 फीसदी
-02 अगस्त 17 को 6.00 फीसदी
-08 जून 17 को 6.25 फीसदी
-06 अप्रैल 17 को 6.25 फीसदी
-08 फरवरी 17 को 6.25 फीसदी
-07 दिसंबर 16 को 6.25 फीसदी
-04 अक्टूबर 16 को 6.25 फीसदी
-05 अप्रैल 16 को 6.50 फीसदी
-29 सितंबर 15 को 6.75 फीसदी
-02 जनवरी 15 को 7.25 फीसदी
-04 मार्च 15 को 7.50 फीसदी
-15 जनवरी 15 को 7.75 फीसदी
-28 जनवरी 14 को 8.00 फीसदी

RBI का झटका : रेपो रेट आधा फीसदी बढ़ाया, महंगा होगा Loan

मॉनिटरी पॉलिसी में इस्तेमाल होने वाले शब्दों का मतलब

क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह।

क्या होती है रिवर्स रेपो रेट

जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दे।

क्या होती है सीआरआर

देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत हरेक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो या नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं।

क्या होती है एसएलआर

जिस दर पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते है, उसे एसएलआर कहते हैं। नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है। आरबीआई जब ब्याज दरों में बदलाव किए बगैर नकदी की तरलता कम करना चाहता है तो वह सीआरआर बढ़ा देता है, इससे बैंकों के पास लोन देने के लिए कम रकम बचती है।

करोड़पति : 6 फीसदी ब्याज से बनें 25 साल में अमीर, ये है कैलकुलेशनकरोड़पति : 6 फीसदी ब्याज से बनें 25 साल में अमीर, ये है कैलकुलेशन

English summary

RBI increased the repo rate by half a percent loans will become expensive

After the Monetary Policy meeting held on 30 September 2022, RBI has given information about many important decisions.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?