बाबा रामदेव ने लांच की कोरोना की दवा, 100 फीसदी सफलता का दावा
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी ने पतंजलि ने आज कोविड-19 के इलाज के लिए 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' को लॉन्च किया। यह दुनिया में कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा है। इसकी लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा का जिन मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल 3 दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और 7 दिन के अंदर 100 फीसद रोगी कोरोना से मुक्त हो गए। इस दवा का अभी तक 280 लोगों पर प्रयोग किया गया। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमारी दवाई का सौ फीसद रिकवरी रेट है। इसके अलावा शून्य फीसदी डेथ रेट है। भले ही लोग अभी हमसे इस दावे पर प्रश्न करें, लेकिन हमारे पास हर सवाल का जवाब है। हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है।
क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की घोषणा
पतंजलि आयुर्वेद की औषधि 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' के कोविड-19 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के परिणामों की घोषणा आज पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि पूरा देश जिस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था, आज वह आ गया है। उन्होंने ने कहा कि आयुर्वेद की पहली दवा पतंजलि ने बना ली है, जो क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल के बाद आज लॉन्च होने के लिए तैयार है।
कुछ दिन पहले ही दवा बनाने का कंपनी ने किया था दावा
पतंजलि योगपीठ ने बताया है कि कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में हो रहा है। कंपनी के इन दावों की घोषणा के दौरान वैज्ञानिकों की टीम, शोधकर्ता और चिकित्सक भी मौजूद रहे। कुछ दिन पहले आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया था कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में 5 माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद कोविड-19 की आयुर्वेदिक दवा तैयार करने में सफलता मिली है। इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी पूरी हो चुकी है, जबकि क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है।
क्या-क्या है कोरोना की इस दवा में
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल है। यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है।
अभी तक ये दवाएं हो चुकी हैं लांच
भारत में कोरोना के इलाज के लिए अब तक मुख्य रूप से तीन दवाएं- सिप्रेमी, फैबीफ्लू और कोवीफोर लांच हो चुकी हैं। सिप्रेमी और कोवीफोन एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर के जेनेरिक वर्जन हैं। वहीं फैबीफ्लू में इन्फ्लुएंजा की दवा फेविपिरावर का जेनेरिक वर्जन है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है। अगर सरकार पतंजलि की 'कोरोनिल' टैबलेट को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे देती है, तो यह चौथी दवा होगी।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया ऐसे असरकारी है दवा
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दिव्य कोरोनिल टैबलेट में शामिल अश्वगंधा कोविड-19 के आरबीडी को मानव शरीर के एसीई से मिलने नहीं देता। इससे संक्रमित मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। वहीं गिलोय भी संक्रमण होने से रोकता है। तुलसी का कंपाउंड कोविड-19 के आरएनए-पॉलीमरीज पर अटैक कर उसके गुणांक में वृद्धि करने की दर को न सिर्फ रोक देता है, बल्कि इसका लगातार सेवन उसे खत्म भी कर देता है। वहीं श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है और बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों की सूजन कम कर देता है।
एक नजर में जानें दवा के बारे में पूरी बात
-बाबा रामदेव की कोरोना वायरस की 3 दवाइयां। एक श्वासारी बट्टी, दिव्य कोरोनिल टेबलेट और अणु तेल। एक साथ करना है इनका उपयोग।
-प्लेसवो क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल 100 लोगों के ऊपर किया गया। ये सभी 15 से 65 आयु वर्ग के हैं। इससे तीन दिन में 69 फीसद मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं।
-बाबा रामदेव ने बताया कि ये दवा ब्लडप्रेशर, हार्ट बीट और नाड़ी को भी कंट्रोल करती है।
-सौ लोगों पर किया गया था ट्रायल, 7 दिन में रिपोर्ट निगेटिव आई।
-ये दवाई स्वशन सिस्टम को मजबूत करती है, जिससे कोरोना संक्रमण का असर नहीं होता। इसके साथ ही दवा सर्दी जुकाम और बुखार को भी नियंत्रित करती है।
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