रेट के मामले में क्या ‘पैलेडियम’ से आगे निकल जाएगा Gold
नई दिल्ली। सर्वाधिक महंगी धातु के रूप में शुमार रही पैलेडियम (palladium) की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से भारी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। इसके बाद इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी कि क्या सोने के आगे अब पैलेडियम (palladium) की चमक फीकी पड़ जाएगी। इसकी वजह भी है क्योंकि पिछले सप्ताह एक समय अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार में सोना और पैलेडियम की कीमतों में महज 12 डॉलर प्रति औंस का फासला बच गया था।
गोल्ड सुरक्षित निवेश का जरिया
महंगी धातु के रूप में सोने को सुरक्षित निवेश का एक मजबूत जरिया माना जाता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती रहने के संकेतों से सोने के भाव में तेजी का रुख रहने की संभावना है। जबकि वाहन उद्योग में सुस्ती व बदलाव के कारण पैलेडियम (palladium) की मांग कमजोर पड़ सकती है।
ऊपर से नीचे आ चुके हैं पैलेडियम के दाम
पिछले साल जुलाई के बाद पैलेडियम (palladium) के दाम में लगातार तेजी का रुख बना रहा और 21 मार्च 2019 को पैलेडियम का भाव रिकॉर्ड 1,576 डॉलर प्रति औंस की उंचाई पर जा पहुंचा। इसकी मुख्य वजह यह है कि मांग के मुकाबले आपूर्ति कम हो रही है। कीमतों में जोरदार उछाल के बाद बिकवाली का दबाव आने से नरमी आई। इसके बाद पांच अप्रैल को सोना के भाव का निचला स्तर 1,283.60 डॉलर प्रति औंस था, जबकि पैलेडियम (palladium) का निचला स्तर 1,295 डॉलर प्रति औंस रहा।
यह भी पढ़ें : AC का बिल घट जाएगा 20 फीसदी तक, कमरे में करें ये मामूली बदलाव
ये है पैलेडियम का इस्तेमाल
इस बीच यह भी कयासबाजी चलने लगी कि पैलेडियम (palladium) के मुकाबले प्लैटिनम (platinum) काफी सस्ती धातु होने के कारण पैलेडियम की औद्योगिक मांग प्लैटिनम की ओर जा सकती है। दरअसल, पेट्रोल और डीजल चालित वाहनों में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए पैलेडियम (palladium) और प्लैटिनम (platinum) दोनों धातुओं का उपयोग कैटेलिटिक कन्वर्टर यानी उत्प्रेरण प्रदायी परिवर्तक के रूप में होता है। स्थानापन्न उपयोग होने के कारण प्लैटिनम और पैलेडियम को चचेरी बहन कहते हैं।
जानें एक्सपर्ट्स की राय
एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि पैलेडियम (palladium) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रूस है। रूसी कंपनी नोरिल्स्क की रिपोर्ट बताती है कि 2018 में पैलेडियम की आपूर्ति में जहां 6,00,000 औंस की कमी आई थी, वहीं 2019 में 8,00,000 औंस की कमी रह सकती है। जबकि प्लैटिनम (platinum) का आधिक्य 2018 में जहां 4,00,000 औंस था, वहीं यह आधिक्य 2019 में बढ़कर 8,00,000 औंस रह सकता है।
गोल्ड हो सकता है और महंगा
गुप्ता ने कहा, "पैलेडियम (palladium) के भाव को आपूर्ति में कमी से सपोर्ट मिल रहा है, जबकि सोने को सुरक्षित निवेश मांग से सपोर्ट मिल रहा है।" उन्होंने कहा कि इस साल दिवाली तक सोने का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1,350 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
ऑटो की डिमांड तय करेगी रेट
अगर, ऑटो विनिर्माता आने वाले दिनों में पैलेडियम (palladium) के बदले प्लैटिनम (platinum) का उपयोग करेंगे तो जाहिर है कि पैलेडियम की चमक फीकी पड़ जाएगी और प्लैटिनम एक बार फिर अपनी पुरानी चाल पकड़ लेगी। वर्ष 2002 से लेकर 2017 तक प्लैटिनम (platinum) की कीमतें पैलेडियम से उंची रहीं।
ये है रेट का ट्रेंड
प्लैटिनम सोने से भी महंगी धातु के रूप में शुमार थी और 2011 में प्लैटिनम (platinum) का भाव 1,875 डॉलर प्रति औंस तक चला गया, हालांकि उसके बाद 2015 में प्लैटिनम (platinum) 892.50 डॉलर प्रति औंस तक आ गई। फिर अगस्त 2018 में उससे भी नीचे 787 डॉलर प्रति औंस तक भाव गिरा और अभी भी 900 डॉलर से नीचे बना हुआ है। 2011 में सोने का भाव भी 1,828 डॉलर प्रति औंस तक उछला, लेकिन उसके बाद 2015 में 1,060 डॉलर प्रति औंस तक फिसला।
यह भी पढ़ें : जानें कौन है शेयर बाजार का किंग : PM Modi या मनमोहन सिंह
प्लैटिनम (platinum) का भाव चल रहा गोल्ड से नीचे
प्लैटिनम (platinum) काफी समय से सोने से कम भाव पर चल रही, जबकि महंगी धातुओं में पैलेडियम (palladium) सोने से ऊंचे भाव पर बना हुआ है, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती रहने की आशंकाओं के बीच सोने मांग बनी रह सकती है, जबकि औद्योगिक धातुओं में नरमी रहने के आसार हैं। ऐसे में पैलेडियम (palladium) से सबसे महंगी धातु का ताज छिनकर सोने के सिर सजने की प्रबल संभावना है।
दीपावली तक बढ़ सकता है गोल्ड का भाव
सोने और पैलेडियम (palladium) के भाव में इस समय करीब 52 डॉलर प्रति औंस का अंतर है और दोनों धातुएं 1,300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर के भाव पर चल रही हैं। कमोडिजी बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि सोने का भाव इस साल दिवाली के समय 1,350 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, क्योंकि डॉलर इंडेक्स में पिछले दिनों आई तेजी के बाद एक तरह से थकावट देखी जा रही है और यह सीमित दायरे में रहेगा, जिससे सोने की निवेश मांग का सहारा मिलेगा। गुप्ता ने कहा कि भूराजनीतिक दबाव या आर्थिक सुस्ती के दौर में सुरक्षित निवेश के उपकरण के रूप में सोने की मांग बनी रहेगी।
यह भी पढ़ें : शेयर बाजार के बड़े निवेशक हैं Amit Shah, जानें कहां हैं निवेश
वाहन बाजार पर एक नजर
इसके अलावा, दुनियाभर में बिजली चालित वाहनों के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जिससे ऑटो उद्योग में भी बदलाव आने की संभावना प्रबल हो गई है, बल्कि इस ओर उद्योग का झुकाव ज्यादा है। अगर डीजल-पेट्रोल चालित वाहनों के विनिर्माण पर ब्रेक लगेगा तो पैलेडियम ही नहीं प्लैटिनम की भी मांग प्रभावित होगी। हालांकि विश्लेषक यह भी बताते हैं कि पेट्रोल, डीजल चालित वाहनों की मांग अभी बनी रहेगी। ऐसे में ऑटो उद्योग में पैलेडियम (palladium) और प्लेटिनम की खपत बनी रहेगी।
ये रहे दोनों धातुओं के भाव
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर बुधवार को पैलेडियम (palladium) का जून अनुबंध पिछले सत्र से 0.14 फीसदी की नरमी के साथ 1,360.65 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ। वहीं, प्लैटिनम (platinum) का जुलाई अनुबंध 0.26 फीसदी की कमजोरी के साथ 897 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। कॉमेक्स पर सोने का जून अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले तकरीबन सपाट 1,308.05 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ था।
यह भी पढ़ें : Election 2019 : ये हैं Modi के 19 वित्तीय हथियार, जिनसे होगा विरोधियों पर वार