200 कंपनियां होंगी डीलिस्ट, प्रमोटरों पर भी लगेगा बैन
देश का प्रमुख शेयर बाजार बीएसई इस सप्ताह 200 कंपनियों की सूचीबद्धता अनिवार्य रुप से खत्म कर देगा और इनके प्रमोटरों पर भी 10 साल का बैन लगेगा। इन कंपनियों के शेयरों में लेन-देन पिछले एक दशक से निलंबित है। इन सभी कंपनियों की सूचीबद्धता 23 अगस्त को समाप्त हो जाएगी।
ये कंपनियां होंगी डीलिस्ट
डीलिस्ट होने वाली इन कंपनियों में एथिना फाइनेंशियल सर्विस, अंकुर ड्रग्स, ब्लू बर्ड, क्रू बॉस, कुटोन्स रिटेल, पर्ल इंजीनियरिंग पॉलिमर्स, नागार्जुन फाइनेंस, अरिहंत इंडस्ट्रीज, डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग, धनुष टेक्नोलॉजीज, आईओएल नेटकॉम, पारेख प्लेटिनम और स्टील ट्यूब्स ऑफ इंडिया के नाम शामिल हैं।
पहले सर्कुलर में 117 कंपनियों का जिक्र था
बीएसई ने तीन अलग-अलग सर्कुलर के जरिए इसका ऐलान किया है। पहले सकुलर में 117 कंपनियों का जिक्र है। जिन्हे 10 सालों तक के लिए प्रतिबंधित किया जाना है। सर्कुलर में कहा गया है कि सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के नियमों के मुताबिक इन कंपनियों के प्रमोटरों को बीएसई की ओर से नियुक्त स्वतंत्र मूल्य निर्धारकों की ओर से निर्धारित मूल्य पर आम शेयरधारकों से शेयर खरीदने होंगे।
दूसरे और तीसरे सर्कुलर में भी अलग है संख्या
दूसरे सर्कुलर में 28 कंपनियों का जिक्र है जो एक दशक से ज्यादा वक्त से निलंबति नहीं है और उनके पास कैश नहीं है। वहीं तीसरे सर्कुलर में 55 कंपनियों का जिक्र है जिन्हें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया से डीलिस्ट किया जाना है।
331 मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई
यह फैसला ऐसे समय में आया हे जब नियामकीय प्राधिकरण मुखौटा कंपनियों और सूचीबद्ध कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं क्योंकि इनका उपयोग कथित तौर पर अवैध कोष के हेर-फेर के लिए होता है। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों को 331 संदेह के घेरे वाली मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।