इनकम टैक्स बचाने के ये हैं विकल्प, बचे हैं सिर्फ कुछ दिन
नयी दिल्ली। हर नया साल शुरू होते ही लोग इनकम टैक्स बचाने के विकल्प ढूंढने लगते हैं। मार्च आते आते लोग निवेश बचाने के लिए अलग-अलग ऑप्शन तलाश कर लेते हैं। 31 मार्च से पहले निवेश या बीमा पॉलिसी लेकर टैक्स बचाना अच्छा ऑप्शन है। अब 31 मार्च बहुत करीब है। यदि आपने अभी तक इनकम टैक्स बचाने के लिए कोई विकल्प नहीं ढूंढा तो हम आपको कुछ ऐसे ऑप्शन बताते हैं, जिनमें निवेश करके आप टैक्स तो बचा ही सकते हैं साथ ही आपको निवेश पर अच्छा रिटर्न भी मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार कई ऐसी योजनाएं चलाती है जिन पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि इस बार के बजट में पेश की गयी नयी टैक्स व्यवस्था में कई बड़े बदलाव किये गये हैं। मगर आपके पास पुराने टैक्स सिस्टम के तहत ही आईटीआर दाखिल करने का ऑप्शन बाकी है। आइये जानते हैं उन विकल्पों के बारे में जिनमें आपको टैक्स बचाने का विकल्प मिलेगा।
नेशनल पेंशन स्कीम है बेहतर विकल्प
बता दें कि नेशनल पेंशन स्कीम या एनपीएस नये और पुराने दोनों ही टैक्स सिस्टम में मिलने वाला अच्छा विकल्प है। आप अपने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए आयकर अधिनियम 80सीसीडी (1बी) के तहत एनपीएस में अलग से भी 50,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। हालांकि यहां यह ध्यान रखने वाली बात है कि एनपीएस में आपको लंबे समय तक पैसों का निवेश रखना पड़ेगा। इसलिए एनपीएस में तभी निवेश करें जब आपको बहुत जल्दी इन पैसों की जरूरत नहीं पड़ने वाली। साथ ही तब भी जब ये आपके रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिहाज से एक दम बेहतर हो।
सबसे शानदार विकल्पों में से एक ईपीएफ
अगर आपकी स्थिति ऐसी है कि टैक्स बचाने के लिए आपके पास ज्यादा समय नहीं है तो हो सकता है आप ऐसी जगह निवेश कर दें जहां जोखिम हो। इसीलिए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करते समय एम्पलॉयीज प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। दरअसल ये बेहद सुरक्षित निवेश विकल्प है। इस पर आपको टैक्स बचत के साथ साथ 8.6 फीसदी (मौजूदा दर) प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी मिलता है। ये ब्याज दर पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से अधिक है। ईपीएफ में आप सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये तक के फायदे का लाभ उठाने के लिए अपने बचे हुए पैसों में से इसमें निवेश कर सकते हैं।
वोलंटरी प्रोविडेंट फंड भी अच्छा विकल्प
वोलंटरी प्रोविडेंट फंड या वीपीएफ ईपीएफ का ही एक प्रारूप है। अगर आप ईपीएफ की लिमिट से ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास वीपीएफ एक अच्छा ऑप्शन है। ईपीएफ और वीपीएफ दोनों पर एक जैसा रिटर्न मिलता है। जानकारी के लिए बता दें कि ईपीएफ के साथ साथ वीपीएफ भी ईईई कैटेगरी में आता है। यानी कि इन दोनों में निवेश राशि, ब्याज और मैच्योरिटी राशि सभी पर टैक्स छूट मिलती है। ये ट्रिपल बेनेफिट स्कीम हैं। इसके अलावा आप वीपीएफ में अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के 100 फीसदी राशि तक निवेश कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें - Income Tax : इन 4 देशों में नहीं लगता है टैक्स, जानिए नाम