GOLD ज्वेलरी की कीमत इस तरह होती है तय, आप भी जान लें फायदे में रहेंगे
सोना आज भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है। फिर चाहे त्योहारों का मौसम हो या परंपरागत समारोह, प्रत्येक घर में इस पीली धातु की एक खास जगह है।
नई दिल्ली: सोना आज भारत के लोगों का सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। सोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ा है। फिर चाहे त्योहारों का मौसम हो या परंपरागत समारोह, प्रत्येक घर में इस पीली धातु की एक खास जगह है। सोना निवेश के लिहाज से भी काफी अच्छा मुनाफा देता रहा है। सोना खरीदना हमेशा से भारतीयों की पसंद रहा है। त्योहार से पहले इतना सस्ता हुआ Gold, चेक करें Silver का रेट ये भी पढ़ें
जल्द ही दिवाली का त्योहार आ रहा है, ऐसे में धनतेरस पर बहुत से लोग सोना खरीदते हैं। पिछले कुछ समय से सोने की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। सोना 50000-52000 की रेंज में ट्रेड कर रहा है। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ने से सोने के भाव में मामूली तेजी आ सकती है। ऐसे में अगर आप सोने में निवेश करना चाहता है या फिर खरीदना चाहता है तो यह सही वक्त है।
कैसे तय होते हैं सोने के भाव
लेकिन इसके बाद भी आपको बता दें कि सोना खरीदते वक्त कई तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। सोने की कीमत को लेकर ये उलझन होती है कि हर जगह समान वजन के गहने की कीमत हर जगह अलग क्यों होती है। जैसे कि आपने 10 ग्राम का कोई आभूषण पसंद किया और इसे लेकर कई बाजार में भाव पता किए तो उनके अलग-अलग भाव मिले। ऐसे में आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आखिर इनके भाव कैसे तय होते हैं क्योंकि जब आप किसी विपरीत परिस्थिति में इसे बेचने जा रहे हैं तो इसका दाम कितना मिलेगा, इसका आकलन कर सकेंगे। इस के आधार पर आप सही फैसला ले सकेंगे।
पता कर लें सोने का ताजा भाव
ज्वेलरी की कीमत सिर्फ सोने के भाव से नहीं तय होती है बल्कि इसमें और भी फैक्टर काम करते हैं। सोना-चांदी या आभूषण खरीदने से पहले सोने का रेट जरूर पता होना चाहिए। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की वेबसाइट https://ibjarates.com/ से स्पॉट मार्केट का रेट पता करने के बाद ही बाजार में ज्वैलरी खरीदें या बेचें। आईबीजेए की तरफ से जारी किए गए रेट देशभर में लागू होते हैं। हालांकि, वेबसाइट पर दिए रेट पर 3 फीसदी जीएसटी अलग से लगता है। सोना बेचते समय आप आईबीजेए के रेट का हवाला दे सकते हैं।
ज्वैलरी की कीमत इस तरह होती है तय
1 कैरेट सोने का मतलब होता है 1/24 फीसदी गोल्ड, अगर आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी। टीवी पर दिखने वाला रेट 24 कैरेट सोने का होता है। मान लीजिए सोने का भाव 50000 रुपए है। बाजार में सोना खरीदने पर ध्यान रखें कि ज्वेलरी 22 कैरेट की मिलेगी। मतलब 22 कैरेट सोने का दाम (50000/24)x22= 45,833.33 रुपए होगा। वहीं, ज्वेलर आपको 22 कैरेट सोना 50000 में ही देगा। मतलब आप 22 कैरेट सोना 24 कैरेट सोने के दाम पर खरीद रहे हैं। ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी। (50000/24)x18= 37,500 जबकि ये ही सोना ऑफर के साथ देकर ज्वेलर ठगते हैं।
मेकिंग चार्ज के साथ 3 फीसदी देनी होगी जीएसटी
इसके बाद मेकिंग चार्ज जोड़ा जाता है। यह निर्भर करता है कि ज्वैलरी का डिजाइन कैसा है। मेकिंग चार्ज 2 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक हो सकता है। जानकारी दें कि मेकिंग चार्ज को लेकर सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी किया गया है। ज्वैलर्स अपनी लागत के हिसाब से इसे तय करते हैं। इसके बाद इस पर जीएसटी भी देनी होगी जो 3 फीसदी है। असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके अभूषण नहीं बनते, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है।
हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही खरीदें
सोना खरीदते समय सबसे पहली चीज ये ध्यान में रखनी चाहिए कि सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही खरीदें। जिस ज्वैलरी पर हॉलमार्क होता है, उसकी शुद्धता सुनिश्चित की जा सकती है। हम जानते हैं कि सोना 18 कैरेट, 22 कैरेट और 24 कैरेट की शुद्धता के साथ आता है। ऐसे में अगर आप हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदते हैं तो इस बात की गारंटी होगी आपका सोना शुद्ध है।
स्टोन जड़ित ज्वेलरी से बचें
जब आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हों तो नगीने (स्टोन) लगी हुई ज्वेलरी से बचें। कई ज्वेलर्स गहने तौलते वक्त नगीने के वजन को भी इसमें शामिल कर लेते हैं और पूरे आइटम का भाव सोने के भाव के आधार पर तय करते है।
सोना उसी व्यापारी को बेचें, जिससे खरीदा, मिलेगी अच्छी कीमत
सोना बेचने पर भी टैक्स देना पड़ता है। किसी आर्थिक संकट के दौरान अगर आप अपने गहने को वापस सुनार को बेचते हैं तो आपको उतनी ही राशि नहीं मिलती है। आपको सोने का 30-40 फीसदी काटकर पैसा मिलता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सुनार उस गहने को किसी और गहने के रूप में बनाने के मेकिंग चार्ज के तौर पर आपसे शुल्क लेता है। इन चीजों से अगर आप बचना चाहते हैं और सोने की सही कीमत पाना चाहते हैं तो सोना खरीदते समय बिल जरूर लें। सोना उसी व्यापारी को बेचें, जिससे खरीदा है। इससे अच्छी कीमत मिलेगी।