एसबीआई अगले साल से आपके पीएफ का पैसा नहीं संभालेगा
मोदी सरकार ने फैसला किया है कि एसबीआई मार्च 2019 के बाद ईपीएफओ का फंड मैनेजर नहीं रहेगा। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई अब आपके प्रॉविडेंट फंड पीएफ के पैसे का प्रबंधन नहीं
मोदी सरकार ने फैसला किया है कि एसबीआई मार्च 2019 के बाद ईपीएफओ का फंड मैनेजर नहीं रहेगा। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई अब आपके प्रॉविडेंट फंड पीएफ के पैसे का प्रबंधन नहीं कर पाएगा। रिजर्व बैंक के नए मानक के तहत कोई भी बैंक अब असेट मैनेजमेंट कंपनी के तौर पर काम नहीं करेगा।
मौजूदा समय में एसबीआई, आईसीआईसीआई सेक्युरिटीज प्राइमरी डीलरशिप, रिलायंस कैपिटल, एचएसबीसी एएमसी और यूटीआई एएमसी ईपीएफओ के फंड मैनेजर हैं।
एसबीआई फंड मैनेजर के तौर पर काम नहीं कर सकता
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक के बाद लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार ने पत्रकारों को बताया हैं कि एसबीआई ईपीएफओ के फंड मैनेजर के तौर पर काम नहीं कर सकता है। हमने एसबीआई म्युचुअल फंड को फंड मैनेजर के तौर पर नियुक्त नहीं किया था क्योंकि कंपनी ने इसके लिए आवेदन नहीं किया था।
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फंड मैनेजर्स को मार्च तक का समय
इतना ही नहीं गंगवार को यह भी कहना हैं कि हमने पांचों फंड मैनेजर्स को मार्च तक का समय दिया है। जिसके बाद यह तय किया जायेगा कि किसको फंड मैनेजर नियुक्त कर सकते है। हमने पहले एसबीआई को फंड मैनेजर के तौर पर नियुक्त किया था लेकिन उसका काम बैंकिंग है और फंड को मैनेज करना उसका काम नहीं है।
एसबीआई म्युचुअल फंड ने हमारे पास फंड मैनेजर के तौर पर नामांकन नहीं कराया था। मार्च के बाद अगर एसबीआई म्युचुअल फंड हमाने पास आवेदन करता है तो हम उनको फंड मैनेजर के तौर पर नियुक्त कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार हायर पेंशन पर करेगी विचार
जबकि इम्पलाइज पेंशन स्कीम-95 में ज्यादा योगदन कर रहे मेंबर को हायर पेंशन देने के मुद्दे पर लेबर मिनिस्टर ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस पर विचार करेंगे। हमने इस मामले में एक्चुअरी की सलाह मांगी है। सलाह के बाद हायर पेंशन के मामले पर फैसला करेंगे।
ईपीएफओ के लगभग 5 करोड़ एक्टिव मेंबर्स
हांलाकि बता दें कि मौजूदा समय में ईपीएफओ के लगभग 5 करोड़ एक्टिव मेंबर्स हैं। ईपीएफओ अपने मेंबर्स के 8 लाख रुपये से अधिक के पीएफ फंड का प्रबंधन करता है।