टैक्स रिफंड जल्दी प्राप्त करने के 4 आसान तरीके
यहां पर आपको इनकम टैक्स रिफंड से जुड़े कुछ आसान टिप्स के बारे में बताएंगे।
पूरे साल में एक बार आपको अपना टैक्स रिटर्न फाइल दर्ज करने और अतिरिक्त टैक्स की वापसी का दावा करने का मौका मिलता है। जब आप टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं उसके बाद टैक्स विभाग आपके द्वारा दाखिल आईटीआर की जांच करता है और फिर रिफंड की स्थिति बनती है तो रिफंड जारी किया जाता है। तो ऐसा कुछ नहीं है की जो लोग शुरुआत में आईटीआर जमा करते हैं उन्हें रिफंड जल्दी मिलता है। तो आइए आपको बताते हैं कि टैक्स रिफंड से जुड़ी कुछ आसान टिप्स।
रिफंड के लिए सही राशि का करें दावा
ऐसे कई तरह के खर्च और निवेश होते हैं जो आयकर रिटर्न दाखिल करके टैक्स कटौती के रुप में दावा किए जा सकते हैं। यदि आप टैक्स रिफंड के दावेदार हैं और टैक्स कटौती के लिए दावा करने में असफल रहते हैं तो आप सरकार से अतिरिक्त चुकाए गए टैक्स के रिफंड मिलने का मौका खो देंगे। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि टैक्स बचाने के लिए आयकर ई-फाइलिंग किसी जानकार की मदद से दायर किए जाएं और रिफंड के रुप में सही राशि का दावा करें।
गलतियां करने से बचें
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय यह ध्यान देने की आवश्कता होती है कि जानकारी सही और सटीक रुप से प्रदान की जाए। इससे रिफंड जल्दी मिलने की संभावना होती है। यदि आप अपने रिटर्न फॉर्म में कोई गलती करते हैं तो विभाग आपको दोबारा से रिटर्न फाइल करने के लिए कह सकता है। इससे रिफंड मिलने में आपको और ज्यादा वक्त लग जाएगा। यदि छोटी सी भी गलती रह जाती है तो आपको रिफंड मिलने में ज्यादा समय लग जाता है। इनकम टैक्स की 4 शब्दावली जो आपको करती हैं भ्रमित
पेपरलेस करें काम
वर्तमान समय में ई-फाइलिंग, इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने वाले लगभग प्रत्येक टैक्सपेयर के लिए जरुरी हो गया है। हालांकि, फाइलिंग का आखिरी काम आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। जब आप टैक्स ई-फाइल करते हैं तो आप ITR-V का प्रिंट लेकर एक कॉपी इनकम टैक्स विभाग के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर को भेज सकते हैं। परन्तु ऐसे में आपके रिफंड में देरी हो सकती है क्योंकि फिजिकल कॉपी को एक विभाग तक पहुंचने में समय लगता है। इसके बदले आपको पेपरलेस काम करना चाहिए और ITR को ई-वेरीफाई करना चाहिए।
ऐसे जानें रिफंड स्टेट्स
आयकर विभाग आपके आयकर रिफंड की स्थिति को जानने के लिए एक ऑनलाइन सुविधा प्रदान करता है। यानी कि आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए आप रिफंड स्टेट्स को ट्रैक कर सकते हैं। अगर किसी कारण से देरी हो जाती है, तो आप आसानी से पोर्टल से कारण पूंछ सकते हैं और जरुरी कार्रवाई कर सकते हैं। PAN से जानें कि आपको आयकर का नोटिस आएगा के नहीं