'सोने' से पहले जागिए, अक्षय तृतीया से जुड़ी और भी हैं परंपराएं
यहां पर आपको अक्षय तृतीया की परंपारिक धारणाओं के बारे में बताएंगे जिससे सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
बेंगलुरु के जयानगर में रहने वाले अक्षय तिवारी, आज सुबह ऑफिस से निकल ही रहे थे कि पीछे से आवाज़ आयी, "जरा जल्दी आना, आज अक्षय तृतीया है, शाम को बाज़ार जाना है...।" टीवी देख रही अक्षय की बेटी ने तुरंत पूछा, "पापा आज मम्मी के लिये चेन लेंगे, या फिर मेरे लिये सोने के टॉप्स, या फिर पिछले साल की तरह फिर गोल्ड क्वाइन आयेगा?"
ऐसे सवाल अक्षय तृतीया पर हर साल, तमाम घरों में उठते हैं, क्योंकि हर कोई इस पर्व को सोने से जोड़ कर देखता है। दुकाने सुबह से सज जाती हैं, न्यूज़पेपर ज्वैलरी ऐड से भरे रहते हैं, टीवी और रेडियो बार-बार आपको सोना खरीदने के लिये उकसाता रहता है। खैर हम आपसे इतना ही कहेंगे कि 'सोने' से पहले जागिए। जी हां अक्षय तृतीया का मतलब महज सोना नहीं, बल्कि इस पर्व से जुड़ी कई और परम्पराएं हैं, जो हम भूल चुके हैं। चलिये बात करते हैं, उन परम्पराओं की, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और आपकी जेब भी ढेली नहीं होने देंगी।
अक्षय तृतीया के बारे में
अक्षय तृतीया को 'अखा तीज' के रुप में भी जाना जाता है, जिसे की वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे तिथि यानि की तृतीया को मनाया जाता है। अक्षय शब्द का मतलब होता है अविनाशी या अनन्त यानि की जो कभी भी कम या खत्म नहीं होता है। इस दिन को सफलता और उन्नति का दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा का तेज सबसे ज्यादा होता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि ऐसा मानना है कि कोई भी दिन या कोई भी समय शुभ कार्य के लिए शुभ होता है।
आज अक्षय तृतीया है इस दिन को मनाने के और भी कई कारण और परंपराएं हैं जो कि शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन कोई बात नहीं यहां पर आपको हम बताएंगे कि इस दिन का और क्या-क्या महत्व है-
पौधे लगाना
शायद ही कोई जानता होगा कि अक्षय तृतीया का दिन पौधे लगाने के लिए जाना जाता है। भारतीय परंपराओं के अनुसार धन, समृद्धि और अच्छे फल प्राप्त करने के लिए पौधे लगाना चाहिए। इससे आपको समृद्धि तो मिलेगी ही साथ ही प्रकृति में भी शुद्धि और समृद्धि के फूल खिलेंगे।
भोजन दान करना
ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर प्रसाद बनाना कभी व्यर्थ नहीं होता क्योंकि इस दिन भोजन दान करने की भी परंपरा है। माना जाता है कि ये दान पिछले जन्मों के पापों को कम करने और सदाचार में वृद्धि करने में मदद करते हैं। इसलिए व्यक्तियों को इस दिन गरीबों के लिए भोजन दान भी करना चाहिए। इससे न केवल आध्यात्मिक प्रगति को बढ़ावा मिलता है बल्कि राष्ट्र और धर्म की सुरक्षा के लिए भी यह उचित होगा।
धरती मां की पूजा करना
इस दिन लोग धरती की पूजा करते हुए अपने लिए आर्शिवाद को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। यह माना जाता है कि मां धरती भक्तों को अनाज (धन्यालक्ष्मी), धन (धनलक्ष्मी) और समृद्धि (वैभवलक्ष्मी) के साथ आशीष देती है। अक्षय तृतीया पर भारत में कुछ इस तरह से खरीदें सोना
पूजा करना
प्राचीन मान्यताओं के आधार पर इस दिन पूजा करने पर व्यक्ति को भौतिक बल्कि आध्यात्मिक रुप से धन की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। समृद्धि के लिए कई पाठ पढ़े जाते हैं , आरती गायी जाती है और मंत्र पढ़े जाते हैं। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त यहां देखें
सोना खरीदना
सोना खरीदना अक्षय तृतीया की एक लोकप्रिय परंपरा है क्योंकि सोना को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि सोना खरीदने से व्यक्ति अमीर बनता है और उसकी संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही इस दिन सोना खरीदने से आपके भाग्य भी खुलते हैं ऐसा लोगों का मानना है।
वर्तमान में हम पौधे लगाने, धरती मांग की पूजा करने और दार देने वाली पुरानी परंपराओं को भूल चुके हैं। अगर आप सच में समृद्धि और सुख पाना चाहते हैं तो आज के दिन अपने आस-पास पेड़ लगाइए, भूखे लोगों को खाना खिलाकर भी आप इस दिन को अच्छे से मना सकते हैं।