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साल 2019 : क्या सीखा म्यूचुअल फंड निवेशकों ने

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नयी दिल्ली। हर साल निवेशकों को कुछ न कुछ सिखाता है। साल 2019 ने भी निवेशकों को काफी सिखाया है। खास कर म्यूचुअल फंड निवेशकों को इस साल कई सबक सीखने को मिले। इस साल शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया, जिसका म्यूचुअल फंड निवेशकों पर काफी प्रभाव होता है। खास कर इक्विटी फंड में निवेश करने वालों का सीधा संबंध इक्विटी मार्केट से ही होता है। तो नजर डालते हैं कुछ उन बातों पर जो इस साल म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सीखने वाली रहीं। सबसे बड़ा सबक रहा जोखिम के बारे में। लगातार सामने आ रहे डिफॉल्ट और डाउनग्रेड के चलते डेब्ट फंड निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण बात सामने आयी कि वे जोखिम जिनका जिक्र म्यूचुअल फंड अपने डॉक्यूमेंट्स में करते हैं उन्हें गंभीरता से लिये जाने की जरूरत है। ये जोखिम सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं। इसलिए उन पर ध्यान देना जरूरी है।

डेब्ट फंड निवेशकों के लिए सबक

डेब्ट फंड निवेशकों के लिए सबक

जोखिम वाला हिस्सा इस साल बहुत सारे म्यूचुअल फंड निवेशकों, खास कर क्रेडिट रिस्क फंड में निवेश करने वालों, को काफी सख्त तरीके से सीखने को मिला। यहां तक कि फिक्स्ड मैच्योरिटी वाली योजनाओं में निवेश करने वाले अल्ट्रा कंजर्वेटिव निवेशक को भी जान कर झटका लगा कि निश्चित समय के लिए निवेश को लॉक कर देने से इसकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती। सामान्य शब्दों में कहें तो इस साल जोखिम वाली सभी कागजी चीजें डेब्ट म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए सच्चाई बन कर सामने आ गयी।

लिक्विड फंडों से उठा निवेशकों का विश्वास

लिक्विड फंडों से उठा निवेशकों का विश्वास

कई निवेशक अब लिक्विड फंड की आपेक्षिक सुरक्षा पर भी भरोसा नहीं करते हैं और इसमें कोई हैरानी नहीं है। कई निवेशकों ने पूरी तरह से जोखिम मुक्त होने के बारे में जानने की कोशिश की, मगर यदि आप म्यूचुअल फंड जैसे बाजार से संबंधित जगह निवेश कर रहे हैं तो आप जोखिम से पूरी तरह नहीं बच सकते। फिर चाहे आप डेब्ट फंड में निवेश क्यों न करें। आप केवल अपने निवेश को लेकर अधिक सतर्क रह सकते हैं। इसके अलावा क्रेडिट फंड्स और लंबी अवधि की हाई रिस्क वाली योजनाओं से बचें। लिक्विड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड और शॉर्ट टर्म फंड्स में निवेश करें।

नये निवेशकों के लिए सबक

नये निवेशकों के लिए सबक

इस साल निवेशकों, खास कर नये निवेशकों के लिए, के एक और बड़ा सबक रहा मिड और स्मॉल कैप योजनाओं में निवेश करने का। कई निवेशकों ने इन योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए निवेश किया, मगर इन योजनाओं में भारी गिरावट देखने को मिली। साथ ही इनमें वापसी के भी कोई खास संकेत नहीं दिखे। ध्यान रखें कि इन योजनाओं का प्रदर्शन तेजी से खराब हो सकता है। एक और बड़ा सबक जो आपको याद रखना चाहिए वो है हर समय रिटर्न के पीछे न भागें। क्योंकि इस तरह की योजनाओं में निवेशक रिटर्न को देख कर ही निवेश करते हैं।

यह भी पढ़ें - पिचाई की सलाह : भारत जैसा यूपीआई अमेरिका में भी हो

English summary

Year 2019 What mutual fund investors learned

Small and mid fund investor should not run after return. These schemes may fall sharply.
Story first published: Sunday, December 15, 2019, 13:06 [IST]
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