LIC को क्यों पड़ गयी पैसों की जरूरत, जानिये पूरा मामला
नयी दिल्ली। बजट में सरकार ने LIC में हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की। सरकार इसके लिए देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का आईपीओ लायेगी। इसके लिए सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एक्ट में बदलाव भी करेगी। मगर अब एलआईसी से जुड़ी एक खबर आयी है। सरकार एलआईसी में आईपीओ से पहले पैसे डालेगी। सरकार एलआईसी में 100 करोड़ रुपये की राशि डालने जा रही है। सरकार की योजना एलआईसी का आईपीओ अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लाने की है। आईपीओ के बाद एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जायेगा। एलआईसी को लिस्ट करवाने के लिए कई प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत पड़ेगी, जिसमें एलआईसी एक्ट में संशोधन भी शामिल है। मगर आईपीओ से पहले ही एलआईसी को 100 करोड़ रुपये सरकार से मिलेंगे। एलआईसी वित्तीय लिहाज से काफी अच्छी स्थिति में है। एनपीए यानी फंसे हुए लोन बढ़ने के बावजूद एलआईसी की आमदनी और मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। आइये जानते हैं आखिर क्या वजह है कि एलआईसी को सरकारी मदद की जरूरत पड़ गयी।
ये है सरकार के इस कदम का कारण
दरअसल एलआईसी की इक्विटी पूँजी (Equity Capital) 100 करोड़ रुपये है, जो आईपीओ के लिए बेहद कम है। जबकि वित्तीय तौर पर बेहद मजबूत एलआईसी की कुल वैल्यू करीब 10 लाख करोड़ रुपये की है। ऐसे में अगर सरकार एलआईसी की आईपीओ के जरिये 10 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचती है तो भी इसकी इक्विटी कैपिटल को बढ़ाना होगा। इसी वजह से सरकार को एलआईसी में 100 करोड़ रुपये की पूँजी डालनी होगी। एलआईसी के एक अधिकारी के मुताबिक एलआईसी अपने सरप्लस का 95 फीसदी ग्राहकों और बाकी सरकार को अदा करती है।
कहां से आयेगा पैसा
एक अधिकारी के अनुसार आईपीओ के लिए आवश्यक अतिरिक्त पूंजी संभवतः सरकार के सरप्लस के हिस्से में से आएगी क्योंकि पॉलिसीधारकों के पैसे को नहीं छुआ जायेगा। वित्त वर्ष 2018-19 में एलआईसी का सरप्लस 53,214.41 करोड़ रुपये रहा था। इसमें से सरकार को 2611 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया गया था। वहीं 2017-18 में एलआईसी ने 48,444 करोड़ रुपये का सरप्लस जनरेट किया था, जिसमें से 2430 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड सरकार को दिये गये थे। वित्त वर्ष 2018-19 में इसकी शुद्ध प्रीमियम आय 3.37 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि निवेश से प्राप्त शुद्ध आय 2.22 लाख करोड़ रुपये रही थी।
कितना है मार्केट शेयर
नवंबर 2019 तक पॉलिसी बिकने के मामले में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 76.28 फीसदी है। वहीं पहले साल के प्रीमियम में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 71 फीसदी है। वित्त वर्ष 2018-19 में एलआईसी की इक्विटी इन्वेस्टमेंट 28.32 लाख करोड़ रुपये रही थी, जो इसके कुल निवेश का 94.9 फीसदी है। एलआईसी का 1.17 लाख करोड़ रुपये का निवेश एलआईसी ने डेब्ट मार्केट में किया हुआ, जबकि मनी मार्केट में एलआईसी की 34,849.37 करोड़ रुपये की पूँजी लगी हुई है।
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