क्या हैं प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के फायदे, यहाँ जानिये
नयी दिल्ली। कॉलेज और विश्वविद्यालयों की बढ़ती फीस के चलते अकसर स्टूडेंट्स उतना नहीं पढ़ पाते जितना वे पढ़ना चाहते हैं। खास कर हमारे देश में पीएचडी तक पहुँचने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम होती है। ऐसे छात्रों की सहायता करने के लिए मोदी सरकार ने 2018 में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री फेलोशिप रिसर्च योजना के माध्यम से देश भर के हजारों छात्रों को चुन कर उन्हें मुफ्त में पीएचडी करने का मौका मुहैया किया जायेगा। इसके अलावा ऐसे छात्रों को हर महीने सरकार की तरफ से कुछ आर्थिक मदद भी दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत जिन छात्रों ने आईआईटी या एनआईटी आदि से पिछले 5 वर्षों में बी.टेक या इंटीग्रेटेड एम.टेक या एम.एससी कम से कम 8.0 सीजीपीए के साथ पूरी की है या इनके आखरी साल में हैं उन्हें आईआईटी या आईआईएस में पीएचडी कार्यक्रम में सीधे एडमिशन दिया जायेगा। इस योजना के और भी फायदें है।
छात्रों को मिलेगी 80,000 तक की फेलोशिप
इस योजना के तहत छात्रों को पहले दो वर्षों के लिए हर महीने 70,000 की फेलोशिप दी जाती है। वहीं तीसरे साल के लिए 75,000 रुपये और चौथे और पाँचवे साल में हर महीने 80,000 रुपये की फेलोशिप दी जाती है। मगर प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना का फायदा उठाने के लिए एक्जाम भी होता है, जिसमें कामयाब होने वालों को ही आगे पीएचडी और फेलोशिप का मौका मिलता है। पिछले साल सरकार ने तीन साल की अवधि में 3000 फेलो चुनने का फैसला किया था।
विदेश यात्रा के लिए 2 लाख रुपये
हर महीने फेलोशिप के अलावा प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के अंतर्गत पीएचडी करने वाले छात्रों को रिसर्च पेपर को पेश करने के लिए विदेशी यात्रा के खर्च को कवर करने के लिए 5 साल की अवधि के लिए हर फेलो 2 लाख रुपये का रिसर्च ग्रांट भी दिया जाता है। पिछले साल सरकार ने 7 सालों के लिए इस योजना की खातिर 1650 करोड़ रुपये आवंटित किये थे। सरकार आईआईटी और आईआईएस सहित सभी संस्थानों को जरूरी बजटीय सहायता भी प्रदान करती है।
गरीब छात्रों को लाभ
हमारे देश में हर छात्र के अभिभावक इतने पैसे वाले नहीं हैं कि अपने बच्चों की पीएचडी तक का खर्च उठा सकें। इसी के चलते बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करने से महरूम रह जाते हैं। सरकार ने देश के होनहार बच्चों पैसे की कमी की वजह से पढ़ाई अधूरी न छोड़ने देने के लिए यह योजना शुरू की। हजारों छात्रों को हर साल इस योजना से फायदा मिलेगा। साथ ही देश के बड़े कॉलजों को अच्छे शिक्षक भी मिलेंगे।
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