यह सरकार हर नागरिक को दे रही 90000 रुपए नकद, जानिए कहां
नयी दिल्ली। अगर आपको पता चले कि सरकार हर नागरिक को हजारों रुपये दे रही है तो कैसा लगेगा? एक जगह सरकार अपने नागरिकों को 90000 रुपये दे रही है। जी हां, हॉन्ग-कॉन्ग की सरकार अपने सभी व्यस्क स्थाई निवासियों को नकद पैसे दे रही है। इसके पीछे हॉन्ग-कॉन्ग की सरकार का उद्देश्य खर्च को बढ़ावा देना और वित्तीय बोझ कम करने में मदद करना है। हॉन्ग-कॉन्ग ने अपने वार्षिक बजट के हिस्से के रूप में हर 18 वर्ष के अधिक के स्थाई नागरिक को 10,000 हॉन्ग-कॉन्ग डॉलर, जो 1280 अमेरिकी डॉलर और करीब 90000 भारतीय रुपये के बराबर हैं, देने का ऐलान किया है। वहां 70 लाख से अधिक लोगों को यह राशि दी जायेगी।
क्या है वजह
दरअसल महीनों से चल रही हिंसक राजनीतिक अशांति से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। हाल ही में कोरोनावायरस के प्रभाव से भी हॉन्ग-कॉन्ग प्रभावित हुआ है। इससे अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है, जिसमें तेजी लाने के लिए सरकार लोगों को खर्च करने के लिए पैसे दे रही है ताकि इकोनॉमी का पहिया घूमता रहे। हॉन्ग-कॉन्ग में कोरोनावायरस के 81 मामले सामने आये हैं, जबकि इससे दो लोगों की जान चली गयी है। हॉन्ग-कॉन्ग के वित्तीय सचिव पॉल चान ने बुधवार को कहा इस साल हॉन्ग-कॉन्ग की अर्थव्यवस्था को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
खपत को बढ़ावा देना है उद्देश्य
पॉल चान ने कहा कि गौर से विचार करने के बाद मैंने 18 वर्ष या इससे अधिक की आयु को लोगों को 10000 हॉन्ग-कॉन्ग डॉलर देने का फैसला किया है। इसका मकसद एक तरफ स्थानीय खपत को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने और दूसरी तरफ लोगों के वित्तीय बोझ से राहत देना है। व्यक्तिगत स्तर पर पैसे दिये जाना वहां हो रहे विरोध और वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार के अरब हॉन्ग-कॉन्ग डॉलर के राहत पैकेज का हिस्सा है। वहां सार्वजनिक आवास का किराया भी कम किया जायेगा और वेतन के अलावा संपत्ति करों में छूट मिलेगी।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचेगा बजट घाटा
हॉन्ग-कॉन्ग का बजट घाटा 2021 तक लगभग 18 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है, जो एक रिकॉर्ड होगा। हॉन्ग-कॉन्ग ने पहले उन सेक्टरों के लिए राहत फंड की घोषणा की थी, जो कोरोनावायरस फैलने की वजह से प्रभावित हुए हैं। इनमें रेस्तरां और ट्रेवल ऑपरेशन जैसे व्यवसायों के लिए नकद हैंडआउट शामिल हैं। इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कई महीनों से राजनीतिक अशांति से प्रभावित है। इस दौरान लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की अक्सर पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई हैं।
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