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आज से हो रही बदलाव की शुरुआत, बदल जाएंगे ये 3 बड़े नियम

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नयी दिल्ली। आने वाले कुछ दिनों में कई अलग-अलग क्षेत्रों के कुछ बड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। आपके लिए इन नियमों के बारे में जानना जरूरी है। जिन चीजों में यह बदलाव होने जा रहे हैं, उनमें मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी, शेयर ट्रांसफर, ऑटो ड्राइविंग और बैंक एनईएफटी शामिल हैं। सबसे पहले बात करते हैं मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी या एमएनपी से जुड़े टेलीकॉम रेगुटेलर ट्राई के नये नियमों की। एमएनपी पर ट्राई के नये नियम 16 दिसंबर से लागू होने जा रहे हैं, जिससे पोर्टिंग प्रोसेस तेज और आसान हो जायेगी। नयी प्रोसेस में यूनिक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) जनरेशन के लिए कुछ शर्तें हैं। इनमें मौजूदा ऑपरेटर द्वारा जारी किये गये बिल का बकाया क्लियर गोना, वर्तमान ऑपरेटर के नेटवर्क पर कम से कम 90 दिनों से एक्टिव होना और नंबर लेते समय सब्सक्राइबर एग्रीमेंट में मौजूद सभी नियमों का पूरा होना शामिल है। इनमें किसी भी शर्त के पूरा न होने पर आपके लिए नंबर पोर्ट मुश्किल होगा।

 

इस समय बंद है पोर्टेबिलिटी सेवा

इस समय बंद है पोर्टेबिलिटी सेवा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुराने सिस्टम से नये एमएनपी सिस्टम पर जाने के चलते 10 से 15 दिसंबर तक के लिए एमएनपी सर्विस रुकी हुई है। 16 दिसंबर से आप नये नियमों के मुताबिक नंबर पोर्ट करवा सकेंगे। एक खास बात और आपको बता दें कि यूपीसी सभी लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों में 4 दिन के लिए वैध रहेगा। मगर जम्मू-कश्मीर, असम और नोर्थ ईस्ट के लिए यह वैधता 30 दिन रहेगी।

24 घंटे एनईएफटी की सुविधा
 

24 घंटे एनईएफटी की सुविधा

वहीं 16 दिसंबर से ही 24 घंटे एनईएफटी की सुविधा शुरू होने जा रही है। अब आप हफ्ते के सभी सातों दिन 24 घंटे एनईएफटी के जरिये एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे भेज सकेंगे। आरबीआई ने यह फैसला डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। आरबीआई ने हाल ही में घोषणा की थी कि अब एनईएफटी के माध्यम से छुट्टी वाले दिन भी पैसे ट्रांसफर किये जा सकेंगे। एनईएफटी यानी नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर एक भुगतान फैसिलिटी है, जिसका इस्तेमाल एक बैंक खाते से दूसरे खाते में पैसे भेजने में किया जाता है। आप इंटरनेट बैंकिंग के जरिये इसका लाभ उठा सकते हैं।

शेयर ट्रांसफर होगा महंगा

शेयर ट्रांसफर होगा महंगा

9 जनवरी से ऑफ-मार्केट लेन-देन के साथ साथ एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करने की कॉस्ट में बढ़ोतरी होगी। सरकार ने ऐसी लेन-देन पर पर स्टैंप ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि शेयरों के ऑफ-मार्केट लेन-देन पर अभी तक इस तरह का कोई टैक्स नहीं लगता था। ध्यान रहे कि 9 जनवरी से डिपॉजिटरी शेयरों और कमोडिटी के कारोबार पर एक्सचेंज और ऑफ मार्केट लेन-देन दोनों पर एक जैसी स्टैंप ड्यूटी लगायेंगे। आपसी सहमति से होने वाली लेन-देन, जिसमें क्लियरिंग कॉर्पोरेशन या स्टॉक एक्सचेंज शामिल न हो, को ऑफ-मार्केट लेनदेन कहते हैं।

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English summary

These 3 big rules are going to change very soon it is important to know

Share transfer will be expensive from 9 January. New rules will be in for number portability.
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