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प्याज नहीं रुकने दे रहा आंसू, जानिये अब कौन है परेशान

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नयी दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में जब से देश में प्याज पर हाहाकार शुरू हुआ है तब से अभी तक यह थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले आपूर्ति की कमी के चलते मंडियों में प्याज के भाव आसमान पर पहुँच गये, जिससे जनता को 200 रुपये प्रति किलो से अधिक के भाव पर प्याज खरीदना पड़ा। आम जनता प्याज के बढ़े हुए दामों से लंबे समय तक परेशान रही। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने विदेशों से प्याज का आयात किया। बाहर से आया हुआ प्याज देश के लोगों को पसंद नहीं आया, जिससे राज्य सरकारों ने इसे लेने से मना कर दिया। फिर यही प्याज केंद्र सरकार की जान को मुसीबत बन गया। अब बारी आयी है किसानों की। प्याज की बढ़ी आपूर्ति से इसके दामों में तेज गिरावट आयी है। देश में सबसे बड़ी थोक मंडी लासलगांव में प्याज की कीमतें भारी आवक के चलते लगातार गिर रही हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ रही है।

क्या है किसानों की असल चिंता

क्या है किसानों की असल चिंता

बता दें कि बीते सोमवार को 18,000 क्विंटल की आवक के साथ कीमतें गिरकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गईं। इससे प्याज उत्पादकों में चिंता बढ़ गई है, जो अब कीमतों में किसी और गिरावट पर लगाम लगाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि प्याज के गिरते दामों को रोकने के लिए सरकार तुरंत उपाय करे। किसानों की मांग है कि स्टॉक पर लगी सीमा और प्याज के निर्यात पर लगा हुआ प्रतिबंध हटाया जाये। सितंबर और दिसंबर 2019 के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कुछ उपाय किये थे, जिनमें जमा पर सीमा और प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध शामिल है।

दिसंबर में था 8625 रु प्रति क्विंटल का भाव

दिसंबर में था 8625 रु प्रति क्विंटल का भाव

महाराष्ट्र के लासलगांव में कीमतें दिसंबर में 8,625 रुपये प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर थी, जो इस समय घट कर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गई हैं। महाराष्ट्र में किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध और जमा सीमा पर प्रतिबंध की समीक्षा करे। लोकसभा सासंद भारती पवार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए कहा गया है। पवार देश में सबसे बड़े प्याज उगाने वाले क्षेत्रों में से एक नासिक जिले के डिंडोरी शहर से सांसद हैं।

केंद्र सरकार दे रही 22 रुपये प्रति किलो प्याज

केंद्र सरकार दे रही 22 रुपये प्रति किलो प्याज

पिछले महीने उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया था कि केंद्र सरकार राज्‍यों को 22 रुपये प्रति किलो पर प्याज दे रही है, मगर राज्य सरकारें खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखा रही हैं। ऐसा तब है जब प्याज के लिए परिवहन का खर्च भी केंद्र सरकार ही उठा रही है। पासवान ने कहा था कि लगभग 18,000 टन प्याज का आयात किया गया, लेकिन सभी प्रयासों के बाद भी केवल 2,000 टन प्याज ही बेची गयी है। उन्होंने बताया था कि मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि सरकार प्याज उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रयास कर रही है। पासवान के मुताबिक सरकार प्याज की कीमतों पर नजर रखे हुए और समय आने पर इस पर कार्रवाई करेगी।

यह भी पढ़ें - प्याज का बवाल : एक समय था हाहाकार, अब सड़ रहा 7000 टन प्याज

English summary

The onion is not letting the tears stop know who is worried now

In Lasalgaon, the biggest wholesale market in the country, onion prices are continuously falling due to heavy arrivals. This is increasing concern of farmers.
Story first published: Wednesday, February 5, 2020, 13:49 [IST]
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