मध्य पूर्व में तनाव : दिखने लगा तेल की कीमतों पर असर, तेज बढ़ोतरी
नयी दिल्ली। अमरेरिकी हवाई हमले में एक टॉप ईरानी जनरल के मारे जाने से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने का असर तेल की कीमतों पर फौरन दिखाई देने लगा है। दुनिया के सबसे बड़े क्रूड ऑयल तेल निर्यात क्षेत्र में तनाव बढ़ने और आपूर्ति बाधित होने की आशंका के बीच शुक्रवार को तेल की कीमतों में 3 डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। बता दें कि ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स फोर्से के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी इराक के बगदाद हवाई अड्डे पर हुए अमेरिकी हवाई हमले के दौरान मारे गये, जिससे इस क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गयी है। ईरान ने सुलेमानी का बदला लेने की बात कही है। किसी भी संभावित प्रतिशोधी कार्रवाई भारत जैसे प्रमुख आयातकों को चिंतित करेगी, जहां ईंधन की कीमतें पहले से ही 13 महीने के उच्च स्तर पर हैं।
शेयर बाजार पर भी बुरा असर
इस तनाव का शेयर बाजार पर भी निगेटिव असर देखने को मिला। सेंसेक्स में शुक्रवार को 0.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। बीते हफ्ते में शेयर बाजार ने पिछले एक महीने का सबसे खराब प्रदर्शन किया। सोना 700 रुपये बढ़ कर 39,872 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छह साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। ऐसी स्थिति में अकसर निवेशक सोने जैसे सुरक्षित चीजों का रुख करते हैं। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया भी 0.60 फीसदी या 44 पैसे गिर कर 71.80 पर बंद हुआ। उधर अमेरिकी बाजार में भी गिरावट देखी गयी है।
सितंबर के बाद सबसे ऊँचे स्तर पर तेल के दाम
शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड के दाम 69.16 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़े, जो सितंबर में हुए सऊदी अरब की तेल रिफाइनरी पर हुए हमले के बाद सर्वाधिक हैं। इस स्थिति में भारत की मध्य पूर्व के हालातों पर बारीक नजर होगी, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का कुल 84 फीसदी तेल आयात करता है, जिसमें से करीब 60 फीसदी मध्य पूर्व से आता है। तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि हमें यह देखना होगा कि ईरान इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है। यह निर्धारित करेगा कि तेल बाजार किस तरह से व्यवहार करता है।
यह भी पढ़ें - नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी : मांग बढ़ाने के लिए गरीबों को मिले और पैसा