प्याज, आलू के बाद अब चीनी की बारी, जल्द हो सकती है महंगी
चीनी की बढ़ती कीमत जल्द ही आपके रसोई के बजट को बिगाड़ सकती है। जी हां प्याज, आलू और दाल के बाद अब चीनी महंगी होने वाली है।
नई दिल्ली: चीनी की बढ़ती कीमत जल्द ही आपके रसोई के बजट को बिगाड़ सकती है। जी हां प्याज, आलू और दाल के बाद अब चीनी महंगी होने वाली है। ऐसे में नये साल में चीनी की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। मालूम हो कि देश में चीनी का उत्पादन चालू सीजन में 35 फीसदी कम हो गया है। बाबा रामदेव के हाथ आई ये कंपनी, जानिए खर्च किये कितने करोड़ ये भी पढ़ें
चीनी उत्पादन 35 प्रतिशत गिरकर 45.8 लाख टन
देश का चीनी उत्पादन चालू विपणन सत्र में 15 दिसंबर तक 35 प्रतिशत गिरकर 45.8 लाख टन पर आ गया है। इसकी वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन में तेज गिरावट है। चीनी का विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर है। बीते बुधवार को प्राइवेट चीनी मिलों के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने इस बात की जानकारी दी है। विपणन वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में चीनी उत्पादन 70.5 लाख टन था।
दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र
आईएसएमए के मुताबिक, 15 दिसंबर 2019 तक 406 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है जबकि 15 दिसंबर 2018 तक 473 मिलें पेराई कर रही थीं। देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 18.9 लाख टन था। हालांकि, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में तेज गिरावट दर्ज की गई है। यहां चीनी मिलें 15 दिसंबर 2019 तक 7.66 लाख टन चीनी का ही उत्पादन कर सकी हैं। इसकी तुलना में 15 दिसंबर 2018 तक 29 लाख टन का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य है। जबकि तीसरे सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में 15 दिसंबर 2019 तक उत्पादन गिरकर 10.6 लाख टन रह गया। एक साल पहले की इसी समय यह 13.9 लाख टन था।
आईएसएमए का कहना है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में उत्पादन पिछले साल की तुलना में इसलिए कम रह गया है क्योंकि मिलों ने महाराष्ट्र में एक महीने देरी से और कर्नाटक में एक हफ्ता देरी से काम शुरू किया है। इस्मा ने 2019-20 के व्यावसयिक वर्ष में चीनी उत्पादन को 21.5 फीसदी घटाकर 2.6 करोड़ टन कर दिया है।
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