सुंदर पिचाई बने गूगल की मूल कंपनी एल्फाबेट के सीईओ
नयी दिल्ली। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुंदर पिचाई को गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट का सीईओ नियुक्त किया गया है। पिचाई पहले से ही गूगल के सीईओ हैं। एल्फाबेट के संस्थापकों लैरी पेज और सर्गी ब्रिन के एल्फाबेट की लीडरशिप से इस्तीफे के बाद पिचाई को इसका सीईओ चुना गया है। एल्फाबेट का सीईओ बनने से पिचाई दुनिया के सबसे शक्तिशाली कॉर्पोरेट लीडर्स में से एक बन जायेंगे। सिलिकॉन वैली स्थित एल्फाबेट में एक महत्वपूर्ण झटके रूप में सामने आयी लैरी और पेज के इस्तीफे की घोषणा इन कर्मचारियों ने कंपनी को एक लेटर भेज कर की। 47 वर्षीय पिचाई ने गूगल के एड रेवेन्यू को बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभायी है। 2015 में गूगल का ए़ड रेवेन्यू 67.39 अरब डॉलर था, जो 2018 में 74 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 116.32 अरब डॉलर हो गया। गूगल का एड रेवेन्यू एल्फाबेट के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि एल्फाबेट के कुल रेवेन्यू में गूगल के ऐड रेवेन्यू की भागीदारी 85 फीसदी है।
क्या कहा पिचाई ने
अपने बयान में सुंदर पिचाई ने कहा कि एल्फाबेट में होने जा रहे लीडरशिप बदलाव से इसके स्ट्रक्चर या रोजमर्रा के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मैं Google और वो जरूरी काम जो हम कंप्यूटिंग सीमाओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए एक बेहतर गूगल तैयार करने के लिए कर रहे हैं, उस पर ध्यान देना जारी रखूंगा। आपको बता दें कि पिचाई ने निजता, नफरत फैलाने वाली सामग्री, झूठी जानकारी और राजनीतिक भेदभाव जैसी दिक्कतों से कंपनी को उबारा है। पिछले 15 सालों में उनकी गूगल में भूमिका भी अहम हुई है।
कौन हैं पिचाई
सुंदर पिचाई का जन्म 1972 में भारत के चेन्नई में हुआ था। उनका असल नाम पिचाई सुंदरराजन है, मगर दुनिया उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जानती है। पिचाई ने आईआईटी, खड़गपुर से बैचलर डिग्री लेने के बाद अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने वॉर्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। वे 2004 में गूगल से बतौर प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर जुड़े थे। 2011 में उन्हें ट्विटर की तरफ से नौकरी का ऑफर मिला था, मगर गूगल ने ज्यादा पैसे देकर उन्हें जाने नहीं दिया।
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