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रिलायंस होम फाइनेंस : सबसे पहले 20 हजार बांड होल्डर का डूबेगा पैसा

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नयी दिल्ली। रिलायंस होम फाइनेंस के 20,000 डिबेंचर होल्डर का पैसा डूब सकता है। इनमें व्यक्तिगत निवेशकों के अलावा म्यूचुअल फंड और रिटायरमेंट संस्था भी शामिल हैं। इसकी वजह है रिलायंस होम फाइनेंस की इन डिबेंचर होल्डर की 3,000 करोड़ रुपये की फुल पेमेंट का दिन 3 जनवरी को आ रहा है, जिसकी रिकवरी की उम्मीद बेहद कम है। हालाँकि इन बांड होल्डर ने अपना पैसा वापस न मिलने पर कंपनी को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। एक सीनियर एक्जेक्यूटिव, जो डिबेंचर होल्डर समिति में एक सदस्य भी हैं, ने कहा है कि अगर कंपनी पूरा पैसा न दे तो ट्रस्टी निश्चित रूप से कानूनी सहारा लेंगे। यह बांड दिसंबर 2016 में पब्लिक इश्यू के जरिये बेचे गये थे। इनकी पहली सीरीज जनवरी के पहले हफ्ते में मैच्योर होने जा रही है। मगर दिवालिया होने के मामले में कर्ज लेने वाला (इस मामले में बांड जारी करने वाली रिलायंस होम फाइनेंस) को पूरा मूल पैसा और ब्याज अदा करना होगा।

एए+ रेटिंग थी इन बांड्स की

एए+ रेटिंग थी इन बांड्स की

आपको बता दें कि एक समय इन बांड्स की रेटिंग एए+ थी, जो सर्वश्रेष्ठ रेटिंग से सिर्फ एक पायदान नीचे है। मगर बाद में इन्हें 'डी' या डिफॉल्ट श्रेणी में डाल दिया गया। इसके बाद नवंबर में निवेशकों की ओर से काम करने वाली बांड्स की संरक्षक आईडीबीआई ट्रस्टीशिप ने इस मामले पर बात करने के लिए एक बैठक की थी। आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज के एमडी और सीईओ स्वपन कुमार बागची ने 19 नवंबर को रिलायंस होम फाइनेंस के मुख्य निवेश अधिकारी को लिखा था कि 3 जनवरी को तत्काल मैच्योरिटी तिथि में इसकी पूरी लोन राशि वापस मांगने की बात कही थी।

कौन-कौन हैं इन बांड्स के होल्डर

कौन-कौन हैं इन बांड्स के होल्डर

रिलायंस होम फाइनेंस के इन बांड्स होल्डर में कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, इंडियन आयरन ऐंड स्टील पीएफ, सेल इंडिया की एक यूनिट, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इमामी ग्रुप की फ्रैंक रोस, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट और महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व लाली सिकॉम शामिल हैं। बता दें कि क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड होने की वजह वित्त वर्ष की शुरुआत में रिलायंस होम फाइनेंस इक्विटी हिस्सेदारी बेच कर पैसे जुटाने पर विचार कर रही है।

सितंबर में घटी थी रेटिंग

सितंबर में घटी थी रेटिंग

सितंबर में केयर सहित रेटिंग कंपनियों ने एक डिबेंचर सीरीज के मूल का भुगतान करने में चूक जाने के बाद रिलायंस होम फाइनेंस की उधार पात्रता 'डी' या डिफॉल्ट कर दी थी। वहीं रिलायंस होम फाइनेंस की मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल भी रेटिंग की समस्या का सामना कर रही है। लेनदारों ने रिलायंस होम फाइनेंस के लिए एक रेज्योल्यूश प्लान खोजने के लिए एक इंटर-क्रेडिटर समझौता भी किया है।

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English summary

Reliance Home Finance First 20 thousand bond holders will lose money

Rating of bonds of Reliance home finance had been reduced to default. In the first week january these bonds have maturity date.
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