बड़ी खबर : अब Gold के बदले मिलेगा ज्यादा लोन, बदले नियम
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान लोगों की आर्थिक दिक्कतें तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ने आज एक बड़ा कदम उठाया है। इससे लोगों को अब गोल्ड के बदले ज्यादा राशि का लोन मिल सकेगा। अभी तक गोल्ड के रेट के बदले लोगों को केवल 75 फीसदी तक ही कर्ज मिलता था। लेकिन इस सीमा को आरबीआई ने बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया है। इस बात ऐसे आसानी से समझ सकते हैं कि अगर आप 1 लाख रुपये का गोल्ड बैंक या वित्तीय संस्थान के पास रख कर अभी तक लोन लेते थे, तो आपको अधिकतम 75000 रुपये का ही लोन मिलता था। लेकिन आरबीआई के नियम बदलने के बाद अब आपको 90000 रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। इससे लाखों लोगों को काफी राहत मिलेगी। गोल्ड लोन पर यह सुविधा 31 मार्च 2021 तक के लिए ही बढ़ाई गई है। आरबीआई ने इसके अलावा कुछ और भी कदम उठाएं हैं।
आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद आज गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस यह जानकारी दी है। इस दौरान इन्होंने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और न ही रिवर्स रीपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव किया गया। रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रीपो रेट को 3.3 फीसदी पर बना रहेगा।
लक्ष्य पर कायम
गवर्नर ने इस दौरान बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर आक्रामक रुख तब तक जारी रहेगा, जब तक इसकी जरूरत है। आरबीआई ग्रोथ में तेजी लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। इसके अलावा आरबीआई की नजर महंगाई दर पर भी है। रिजर्व बैंक ने 4 फीसदी का लक्ष्य प्लस/माइनस 2 पर्सेंट का लक्ष्य तय किया है।
जीडीपी में नेगेटिव ग्रोथ की संभावना
जीडीपी ग्रोथ को लेकर आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही (सितंबर 2020) में इसमें गिरावट रहेगी। वर्तमान हालात के हिसाब से लग रहा है कि पूरे वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट नेगेटिव ही रहेगा। हालांकि यह कितना निगेटिव रहेगी, यह अभी नहीं बताना कठिन है।
कोरोना पर दिया बयान
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने महसूस किया कि नेशन वाइड लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक सीजन की शुरुआत हुई थी तो इकनॉमिक ऐक्टिविटी में तेजी आई थी। लेकिन मामले जिस तरह बढ़ने लगे हैं उसको देखते हुए लोकल लॉकडाउन लागू किया जाने लगा है, जिससे आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है। यही वजह है कि तमाम इंडिकेटर जो सकारात्मक रुख दिखा रहे थे वे अब रुक गए हैं।
यह भी पढ़ें : किस डर से सरकार ने खरीदा 15 हजार किलो सोना, देखें आंकड़ा