पुराने रेल कोच को बना दिया होटल, अब हो रही तगड़ी कमाई
भारतीय रेलवे ने पुराने कोच को कबाड़ में बेचने के बजाए कमाई का जरिया बनाया है। भारतीय रेल का पहला रेस्तरां ऑन व्हील आसनसोल डिविजन में बुधवार को शुरू किया गया।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने पुराने कोच को कबाड़ में बेचने के बजाए कमाई का जरिया बनाया है। भारतीय रेल का पहला रेस्तरां ऑन व्हील आसनसोल डिविजन में बुधवार को शुरू किया गया। भारतीय रेलवे के पास पुराने कोच का अंबार है जो अब तक किसी काम में नहीं आता था लेकिन अब रेलवे इसी कबाड़ से कमाई का रास्ता निकाल लिया है। रेलवे ने यात्रियों को लुभाने और अतिरिक्त कमाई के लिए कबाड़ बन चुके मेमू कोच को नया रंगरूप देकर रेस्तरां में बदलने की कवायत शुरु कर दी है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया। इसकी जानकारी रेलवे ने ट्वीट के जरिये दी है। अब मुफ्त में मिलेगा रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट, बस पूरा करना होगा ये काम ये भी पढ़ें
कबाड़ कोच को रेस्तरां में किया तब्दील
नॉन फेयर रेवेन्यू (एनएफआर) नीति के तहत रेलवे की आय बढ़ाने के लिए कबाड़ कोच को रेस्तरां में तब्दील किया जाएगा। यह आम यात्रियों और आम जनता दोनों के सेवाएं देगा। रेलवे के अधिकारी के मुताबिक, इस ट्रेन की शुरुआत 11 जुलाई 1994 में हुई थी। जिसके कुछ कोच अनफिट पाए गए और पटरी पर चलने लायक नहीं थे। उसे डेकोरेट करके खूबसूरत रेस्तरां में बदला गया है।
सस्ते रेट में करें लंच और डिनर
रेस्तरां ऑन व्हील' में एक साथ 42 लोग बैठ सकते हैं। यहां सस्ते रेट पर ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर कर सकेंगे। रेलवे को अगले पांच सालों में रेस्तरां ऑन व्हील से 50 लाख रुपए की कमाई होने की उम्मीद है। लोगों को आकर्षित करने के लिए रेस्तरां के इंटीरियर को काफी खूबसूरत बनाया गया है। कोच की दीवारों पर पेंटिंग के अलावा पुरानी चीजें जैसे टाइपराइटर भी इसकी खूबसूरती में इजाफा कर रहे हैं। हर टेबल पर लाइट के लिए केतली बल्ब लटकाए गए हैं जो इसे लग्जरी लुक दे रहा है।
पहले भी रेलवे कर चुका है अनोखा प्रयास
बता दें कि इससे पहले भारतीय रेलवे का पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ज़ोन भी अपने कर्मचारियों को दानापुर कोचिंग डिपो के पास कोई कैफेटेरिया नहीं होने की शिकायत के बाद रेलवे ने पटना में कोचिंग डिपो के अंदर वाटर रिसाइकलिंग प्लांट के पास एक पुराने कोच को एक कैफेटेरिया में बदल दिया। इससे पहले पुराने कोच में बदलाव कर मैसूर में क्लास रूम बनाया गया है। वहीं, भोपाल मंडल के अशोकनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के स्क्रैप का अनूठा प्रयोग करते हुए एक सुंदर मोर बनाया है जो स्टेशन परिसर में बने गार्डन में लगाया गया है।