कोरोना इफेक्ट : रेलवे ने पार्सल ट्रेंनों का बना दिया शतक
नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार रेलवे का संचालन रोका गया है। हालांकि यह पूरी तरह से नहीं रुका है। अभी तक जानकारी थी कि केवल मालगाड़ी ही चलाई जा रही हैं, लेकिन रेलवे ने इस दौरान पार्सल गाड़ियों का भी संचालन शुरू किया है। यह पार्सल गाड़ियां हालांकि ढो तो सामान ही रही हैं, लेकिन यह सवारी गाड़ियों की तरह टाइम टेबल से चल रही हैं। इन पार्सल गाड़ियों में उन सामानों को प्राथमिकता से ढ़ोया जा रहा है, जो लोगों की रोज की जरूरत की चीजें और जल्द खराब हो सकती हैं। रेलवे के इस प्रयास की काफी प्रशंसा हो रही है। रेलवे करीब 100 से ज्यादा ऐसी ट्रेंने चल रहा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के 58 रेलमार्गों पर 109 पार्सल ट्रेन चलाने के फैसले को सराहनीय कदम बताया है। तोमर ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप से पैदा हुए संकट की इस घड़ी में पार्सल ट्रेन से आम लोगों के साथ-साथ उद्योगों और कृषि क्षेत्र को फायदा होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेलमंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में रेल मंत्रालय ने सराहनीय कदम उठाया है।
रेलवे ने पहली बार पार्सल ट्रेनों के लिए इतनी बड़ी संख्या में समय-सारणी निर्धारित की है। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय उद्योग, ई-कॉमर्स कंपनियां, इच्छुक समूह, व्यक्ति और कोई अन्य संभावित लोडर पार्सल बुक करा सकते हैं। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से विशेष पार्सल स्पेशल ट्रेनों के लिए 58 मार्गों (109 ट्रेनों) को अधिसूचित किया गया है।
पार्सल ट्रेन के जरिए खराब होने वाले कृषि व संबंधित क्षेत्र के उत्पाद मसलन अंडे, फल, सब्जियां, मछली, दूध व डेयरी उत्पाद के साथ-साथ दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मास्क, खेती के लिए बीज का परिवहन सुगम होगा। इसके अलावा, ई-कॉमर्स कन्साइनमेंट, पैक किए हुए खाद्य पदार्थ, पुस्तकें, स्टेशनरी, पैकिंग सामग्री आदि का भी परिवहन पार्सल ट्रेन के जरिए आसान हो जाएगा।
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