आलू बेच कर करोड़पति बनने का फार्मूला सीखें इस परिवार से
नयी दिल्ली। भारत की काफी बड़ी आबादी रोजगार के लिए खेती से जुड़ी हुई है। मगर खेती करने वाले किसानों को अकसर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कभी सूखे या बाढ़ से बर्बाद हुई फसल और कभी मेहनत की पूरी वसूली न हो पाने जैसी समस्याएँ उनके सामने आती रहती हैं। इसे लेकर किसान अकसर राज्य और केंद्र सरकारों से गुहार लगाते हैं। सरकारों की तरफ से कर्ज माफी जैसे बड़े फैसलों के बाद भी किसान की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हो पाती। मगर फिर भी तमाम समस्याओं के बावजूद भारत के अन्नदाता अपनी तरफ से बेहतर से बेहतर फसल पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। मगर एक चीज जिसकी देश के किसानों को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है वो है कृषि विज्ञान, जिसके जरिये कम लागत में अधिक उत्पादन किया जा सकता है। इसका प्रचार-प्रसार सरकार के प्रयासों से बढ़ रहा है और किसानों को कम लागत में बेहतर फसल पैदा करने के लिए शिक्षित किया जा रहा है, जिसका किसानों को लाभ भी मिलता दिख रहा है। गुजरात से एक ऐसी ही कहानी सामने आयी है जहां एक किसान परिवार ने कृषि विज्ञान के सहारे आलू की खेती से एक साल में 25 करोड़ रुपये कमाये।
20000 मीट्रिक टन आलू की फसल
गुजरात में 10 लोगों का परिवार साल में औसतन 20000 मीट्रिक टन आलू उगा कर एक साल में 25 करोड़ रुपये कमा रहा है। इस परिवार ने एक खास किस्म के आलू की खेती की, जिसका इस्तेमाल पोटेटो चिप्स और वेफर्स बनाने में किया जाता है। यह परिवार बालाजी और आईटीसी जैसी बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को इस खास किस्म के आलू की आपूर्ति करती है। यह परिवार पिछले 26 सालों से आलू की खेती कर रहा है।
गुजरात के अरवल्ली जिले से है परिवार
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यह परिवार है जितेश पटेल का, जो गुजरात के अरवल्ली जिले के डोलपुर कंपा गांव का है। पटेल ने कृषि में 2005 में एमएससी की और लैडी रोसेटा (Lady Rosetta) किस्म का आलू उगाना शुरू कर दिया, जिसका इस्तेमाल चिप्स बनाने में किया जाता है। पटेल की कृषि शिक्षा से उनके परिवार की जिंदगी बदल गयी। पटेल के अनुसार एमएमसी करने के बाद उनका लक्ष्य वापस खेती में लौटना था। उन्होंने बताया कि पहले हमारा परिवार आलू की टेबल किस्म की खेती करता था। हालांकि मैंने बदलाव लाने का फैसला किया।
10 एकड़ जमीन से की शुरुआत
पटेल ने 2007 में 10 एकड़ जमीन पर लैडी रोसेटा किस्म के आलू की खेती शुरू की थी। पैदावार अच्छी होने पर उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को अपने साथ शामिल करने का निर्णय लिया। आज वे 1000 एकड़ में 100 फीसदी जमीन पर इसी आलू की खेती करते हैं। पटेल ने कहा कि उनके परिवार के सभी 10 सदस्यों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता है, जिनमें उगाना, विकृति विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, एन्टोमोलॉजी और बागवानी शामिल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि लैडी रोसेटा आलू की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
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