अब आप भी खोल सकेंगे अपनी कंपनी, जानिये क्या है तैयारी
नयी दिल्ली। मोदी सरकार ने देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर काफी ध्यान दिया है। इसका उद्देश्य रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपना बिजनेस शुरू करके और लोगों को भी रोजगार दें। इसी संबंध में सरकार एक नयी योजना बना रही है, जिससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो अपनी कंपनी शुरू करना चाहते हैं। अगर आप भी अपनी कंपनी शुरू करने की सोच रहे हैं तो सरकार की नयी योजना का फायदा आप को भी मिल सकता है। आपके लिए अपनी कंपनी शुरू करना बेहद आसान हो जायेगा। व्यापार करने में आसानी को और बेहतर बनाने के प्रयासों को जारी रखते हुए, सरकार 15 फरवरी से नई कंपनियों को शामिल करने के लिए एक इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म शुरू करने जा रही है, जिसमें ईपीएफओ और ईएसआईसी रजिस्ट्रेशन नंबर भी उस समय आवंटित किए जाएंगे।
नया ई-फॉर्म 10 सर्विसेज देगा
कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय 10 सेवाओं की पेशकश करने के लिए SPICe+ फॉर्म पेश करेगा। वर्तमान में मंत्रालय के पास इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म SPICe (कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से शामिल करने के लिए सरलीकृत प्रोफार्मा) है, जिसकी जगह SPICe+ लाया जाएगा। सरकार की तरफ से एक पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि नए फॉर्म के माध्यम से दी जाने वाली 10 सेवाओं से भारत में व्यवसाय शुरू करने के लिए कई प्रक्रियाओं, समय और लागत को बचाने में मदद मिलेगी। श्रम मंत्रालय, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग और महाराष्ट्र सरकार भी फार्म के माध्यम से कुछ सर्विसेज देगी।
प्रोविडेंट फंड का रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी
15 फरवरी से शामिल सभी नई कंपनियों के लिए ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) और ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) का पंजीकरण अनिवार्य होगा। नोटिस में कहा गया है कि ईपीएफओ और ईएसआईसी रजिस्ट्रेशन नंबर एजेंसियों द्वारा अलग से जारी नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा अनिवार्य रूप से जारी पैन (Permanent Account Number), टैन (Tax Deduction and Collection Account Number), व्यवसाय कर पंजीकरण (महाराष्ट्र) और संबंधित कंपनी के लिए बैंक खाता फॉर्म के माध्यम से किया जाएगा।
नए फॉर्म से मिलेंगी 10 सर्विसेज
नये फॉर्म में जो सेवाएं आपको मिलेंगी उनमें कंपनी नाम का रिजर्वेशन, इनकॉरपोरेशन ऑफ कंपनी, ईपीएफओ रजिस्ट्रेशन नंबर, ईएसआईसी रजिस्ट्रेशन नंबर, महाराष्ट्र के लिए प्रोफेशन टैक्स रजिस्ट्रेशन, पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन नंबर), टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर (टैन नंबर), संबंधित कंपनी के लिए बैंक खाता, डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (डिन) और जीएसटीआईएन शामिल हैं।
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