कालाधान रखने वालों को नोटिस, स्विस बैंक में 3,500 खाताधारकों की हुई पहचान
नयी दिल्ली। कालाधान रखने वालों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की खबर सामने आयी है। भारत और स्विट्जरलैंड की टैक्स अथॉरिटीज ने कई सारे ऐसे ट्रस्टों की पहचान सुनिश्चित की है, जो टैक्स चोरी के लिए मशहूर सुरक्षित पनाह वाले देशों में मौजूद ट्रस्टों के जरिये स्विस बैंकों में कालाधन रखे हुए थे। ऐसे ट्रस्टों को स्विट्जरलैंड टैक्स अथॉरिटीज ने नोटिस भेजे हैं। बता दें कि स्विट्जरलैंड के टैक्स अधिकारी ऐसे लोगों की बैंक डिटेल्स भारत के टैक्स अधिकारियों के साथ साझा कर रहे हैं, जो टैक्स चोरी करके भारत से बाहर भाग गये हैं। स्विट्जरलैंड की तरफ से नोटिस जारी करके कारोबारियों सहित ऐसे व्यक्तियों, केमैन आइलैंड्स स्थित ट्रस्टों और कंपनियों से कहा गय गया है कि यदि वे भारत के साथ बैंक डिटेल्स साझा करने के खिलाफ अपील करना चाहते हैं तो अपना प्रतिनिधि नॉमिनेट करें। आपकी जानकारी के लिए बात दें कि दुनिया में ऐसी कई जगह और छोटे देश हैं, जिन्हें टैक्स चोरी का रूट माना जाता है। इनमें केमैन आइलैंड्स, पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स जैसी जगहें शामिल हैं।
कई लोगों का हो चुका निधन
जिन लोगों को नोटिस जारी किये गये हैं उनमें कारोबारी अतुल पुंज, गौतम खेतान, सतीश कालरा, विनोद कुमार खन्ना, दुल्लाभाई कुंवरजी वाघेला, रीवाबेन दुल्लाभाई कुंवरजी वाघेला और बलवंतकुमार दुल्लाभाई वाघेला शामिल हैं। वहीं कुछ ऐसे व्यक्तियों के भी नाम इन नोटिसों में जो मर चुके हैं। मगर इस मामले में ऐसे लोगों के उत्तराधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। वहीं ट्रस्टों की बात करें तो केमैन आइलैंड्स के द पी देवी चिल्ड्रंस ट्रस्ट, द पी देवी ट्रस्ट, द दिनोद ट्रस्ट और द अग्रवाल फैमिली ट्रस्ट को नोटिस भेजे गये हैं।
3,500 खाताधारकों को आया नोटिस
ये नोटिस प्रशासनिक सहायता के लिए भारत के आग्रह पर जारी किये गये हैं। वैसे स्विट्जरलैंड ने पिछले कुछ समय में कुछ देशों के साथ कालेधन से जुड़ी सूचनाएँ साझा करने में तेजी दिखाई है। स्विट्जरलैंड के टैक्स अधिकारियों ने मार्च 2019 से करीब 3,500 भारतीय खाताधारकों को नोटिस भेजा है। इस बात का भी शक जताया जा रहा है कि कुछ राजनीतिक नेताओं ने कालाधन रियल एस्टेट, ज्वेलरी और फाइनेंशियल सेक्टर आदि में लगा दिया है। आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड सरकार ने टैक्स चोरी की पनाहगाह की अपनी इमेज को बदलने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाये हैं।
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