सोना-चांदी खरीदने को लेकर जल्द आयेगा नया नियम, जानिये पूरा मामला
नयी दिल्ली। अगर आप सोना या चांदी खरीदने की तैयारी में हैं तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल सरकार सोना-चांदी की खरीदारी को लेकर एक नया नियम बनाने जा रही है। नया नियम सोना-चांदी खरीदने वालों के लिए होगा। इससे पहले सरकार ज्वेलरों के लिए सोना बेचने को लेकर एक नियम बना चुकी है। सोने से जुड़ा हुआ नियम 15 जनवरी से लागू हो गया है। नियम के मुताबिक सोने के गहनों की हॉलमार्किंग जरूरी है। हालांकि फिलहाल ज्वेलर्स को इस आदेश का पालन करने के लिए 1 साल का समय दिया है। उन्हें इस नियम पर 15 जनवरी 2021 से अमल करना होगा। एक साल का समय उन्हें इसलिए दिया गया है ताकि वे अपना स्टॉक खत्म कर लें। एक और नया नियम जो ग्राहकों के लिए होगा, जल्दी ही लागू किया जा सकता है।
क्या होगा नया नियम
सोना-चांदी के खरीदारों के लिए नये नियम के मुताबिक पैन की जगह आधार नंबर जरूरी किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय में इस प्रस्ताव पर योजना बनायी जा रही है। इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य मनी-लॉन्ड्रिंग और कालेधन पर शिकंजा कसना है। नये नियम के मुताबिक आधार या कोई दूसरा आईडी प्रूफ अनिवार्य किया जा सकता है। यानी सोना-चांदी खरीदने के लिए आपको यह आईडी प्रूफ जरूर ही चाहिए होंगे। रिपोर्ट कहती है आधार को जरूरी बनाये जाने की संभावना अधिक है।
तस्करी एक बड़ी वजह
गौरतलब है कि जुलाई 2019 में आये बजट में सोना-चांदी पर सरकार ने आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ा कर 12.5 फीसदी कर दी थी। सरकार के इस फैसले का ज्वेलरों ने विरोध किया था। इसका असर यह हुआ कि सोना-चांदी की तस्करी में इजाफा हुआ। साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में पैन नंबर के गलत इस्तेमाल के जरिये कई सौदे हुए हैं, जिसके लिए अब सोना-चांदी सौदों के लिए ओटीपी वेरिफिकेशन भी शुरू कर सकती है।
भारत दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत दुनिया के सबसे बड़े सोना आयातकों में से एक है। मौजूदा समय में भारत का सालाना सोना आयात 800 टन से अधिक है, जिसमें 80 फीसदी ज्वेलरी के लिए इस्तेमाल होता है। हालांकि देश में पिछले 6 महीनों में सोने की बिक्री काफी घटी है। पिछले छह महीनों में मांग के मामले में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके मुख्य कारण बढ़ा हुआ आयात शुल्क है। वहीं 2018 में 766 टन के मुकाबले 2019 में सोने का आयात भी घट कर 710 टन रह गया।
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