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नयी आफत : कार-बाइक वालों को अब इसलिए भरना पड़ सकता है 10 हजार रु का जुर्माना

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नई दिल्ली, जुलाई 20। दिल्ली सरकार ने राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ऐसे वाहन मालिकों पर नकेल कसने जा रही है, जिनके पास अपनी कारों पर प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे लोगों को 6 महीने की जेल या 10 हजार जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। आगे जानिए बाकी डिटेल।

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लोगों भेजे जा रहे मैसेज

लोगों भेजे जा रहे मैसेज

दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों को संदेश भेजना शुरू कर दिया है जिनके पास अपनी कारों पर प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है। नोटिस में कार मालिकों को बकायदा प्रदूषण प्रमाण पत्र जमा करने या जुर्माना भरने के लिए कहा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुताबिक दिल्ली में 1.7 करोड़ कारें ऐसी हैं, जिनके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट ही नहीं है।

दोपहिया वाहनों के पास भी नहीं हैं प्रदूषण प्रमाण पत्र

दोपहिया वाहनों के पास भी नहीं हैं प्रदूषण प्रमाण पत्र

जिनके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट ही नहीं है उनमें 13 लाख दोपहिया और 30 लाख कारें शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार 14,000 कार मालिकों ने एक टेक्स्ट मैसेज भेजकर अपनी कार के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र प्राप्त करने या भारी जुर्माना भरने के लिए कहा है। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में 2-3 महीने बाद प्रदूषण शुरू हो जाएगा। ऐसे में कारों से होने वाले प्रदूषण में कमी सुनिश्चित करना चाहते हैं।

सभी वाहन मालिक लें प्रदूषण प्रमाण पत्र

सभी वाहन मालिक लें प्रदूषण प्रमाण पत्र

ऐसे मामले में सभी वाहन मालिकों को जनरेटेड प्रदूषण का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कहा जाता है। हालांकि, सड़कों पर नहीं चलने वाली कारों को छोड़ने का कानूनी प्रावधान है। एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में सेना के एक पूर्व कर्नल ने परिवहन मंत्रालय को लिखा था कि उनका बेटा देश से बाहर है और कार एक गैरेज में खड़ी है। अधिकारी के मुताबिक, जो कारें सड़क पर नहीं चलती हैं, उन्हें प्रदूषण प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर ऐसी कारें बिना सर्टिफिकेट के सड़क पर मिल जाएं तो जुर्माना लगाए जाएगा।

क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट

क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट

मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, अगर बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट के वाहन सड़क पर चलता पाया जाता है, तो मालिक को 6 महीने की सजा या 10000 रुपए का जुर्माना या दोनों दंड देने का प्रावधान हो सकता है। बता दें कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के मुताबिक, सभी दोपहिया वाहनों को हर साल प्रदूषण प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट बनवाना होता है, जबकि चार पहिया वाहन के मामले में बीएस-4 के लिए यह अवधि एक साल की होती है। जबकि अन्य वाहन के लिए इसकी अवधि तीन महीने होती है।

रीयल-टाइम बनाया गया

रीयल-टाइम बनाया गया

इस सर्टिफिकेट को रीयल-टाइम बनाया गया है और वाहन रजिस्ट्रेशन डेटाबेस के साथ इंटीग्रेटेड किया जाता है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा पिछले साल 60 लाख से ज्यादा ऐसे सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदूषण प्रमाण पत्र ऑटोमोबाइल में कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों की चेकिंग को स्पष्ट करते हैं। फिर इसके बाद वाहन मालिक को प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। यदि आप जुर्माने से बचना चाहते हैं तो अपना प्रदूषण प्रमाण पत्र जरूर हासिल करें।

English summary

New problem Car bike owner may now have to pay a fine of 10 thousand rupees

In the notice, the car owners are being asked to submit the pollution certificate or pay the fine. According to media reports, there are 1.7 crore cars in Delhi which do not have pollution certificate.
Story first published: Wednesday, July 20, 2022, 18:13 [IST]
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