बीएसएनएल : 77,000 कर्मचारियों ने चुनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना
नयी दिल्ली। सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के 77,000 से अधिक कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का चुनाव किया है। बीएसएनएल के एक अधिकारी ने इस बात का खुलाया किया है। बीएसएनएल में कुल कर्मचारियों की संख्या 1.50 लाख है, जिनमें करीब 1 लाख कर्मचारी वीआरएस के योग्य हैं। वर्तमान योजना के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की प्रभावी तिथि 31 जनवरी 2020 है। बीएसएनएल की वीआरएस-2019 योजना हाल ही में शुरू की गयी थी, जो 3 दिसंबर तक खुली रहेगी। योजना के अनुसार बीएसएनएल के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी, जिनमें अन्य कंपनियों में नियुक्त भी शामिल हैं, जो 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, योजना के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए पात्र हैं।
बीएसएनएल कम करना चाहती है वेतन बिल
बीएसएनएल अपना वेतन बिल कम करके 7,000 करोड़ रुपये की बचत करना चाहती है, मगर इसके लिए जरूरी है कि कंपनी के 70,000-80,000 कर्मचारी वीआरएस का चयन करें। पात्र कर्मचारियों को मिलने वाली अनुग्रह राशि की बात करें तो यह हर पूरे सर्विस वर्ष के लिए 35 दिनों का वेतन और सेवानिवृत्त होने तक जितने साल बाकी हैं, उसके हर साल के लिए 25 दिन के वेतन के बराबर होगा।
एमटीएनएल ने भी की है वीआरएस की शुरुआत
बीएसएनएल की ही तरह एमटीएनएल ने भी अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना शुरू की है, जो गुजरात मॉडल पर आधारित है। एमटीएनएल की भी योजना 3 दिसंबर तक खुलेगी। दरअसल पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय को मंजूरी दे दी थी। सरकार ने इन दोनों टेलीकॉम कंपनियों के लिए विशेष राहत पैकेज की भी घोषणा की थी, जिसमें 4जी स्पेक्ट्रम की खरीदारी के लिए 20,140 करोड़ रुपये, स्पेक्ट्रम आवंटन पर जीएसटी के लिए 3,674 करोड़ रुपये शामिल हैं। ये दोनों कंपनियाँ अगले तीन वर्षों में 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति भी बेचेंगी। बता दें कि एमटीएनएल पिछले 10 में से 9 सालों में रही है, जबकि बीएसएनएल 2010 से ही घाटे में चल रही है।
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