मोबाइल नंबर : अब 3 दिन में हो जाएगा पोर्ट, बदल गए नियम
नई दिल्ली। मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के नियम अब बदल गए हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरटी यानी ट्राई ने नए नियम जारी कर दिए हैं। इनके तहत अब सर्किल के अंदर मोबाइल नंबर 3 दिनों में पोर्ट हो जाएगा। वहीं अगर यह नंबर सर्किल के बाहर पोर्ट कराना है तो 5 दिन में यह हो जाएगा। पहले आपरेटर मोबाइल नंबर पोर्ट करने में मनमाना समय लेते थे। नए नियम 16 दिसंबर 2019 से लागू हो जाएंगे। इसके अलावा अब मोाबइल नंबर पोर्ट कराने की फीस भी घटा दी गई है।
क्या होती है मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी उसे कहते हैं जहां एक मोबाइल कंपनी का नंबर दूसरी कंपनी में शिफ्ट किया जाता है। यानी एक कंपनी का ग्राहक अपना नंबर लेकर दूसरी कंपनी में चला जाता है। इसके लिए ग्राहक को पोर्टिंग कोड जेनरेट करना होता है। यह यूनिक कोड ही उन्हें नंबर पोर्ट करने में मदद करता है। इस कोड को अपने मोबाइल नंबर से एक एसएमएस करके जेनरेट किया जा सकता है। बाद इसी यूनिक कोड को दूसरे आपरेटर को दिया जाता है, जिससे वह उसी मोबाइल नंबर का नया सिम जारी कर देता है।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की फीस भी तय हुई
मोबाइल ऑपरेटर्स को हर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए अलग-अलग एजेंसियों को भुगतान करना पड़ता है। लेकिन ट्राई ने अब इसके लिए नई फीस केवल 5.74 रुपये तय कर दी है। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स को हर ट्रांजैक्शन में बचत होगी।
कब पड़ती है नंबर पोर्ट कराने की जरूरत
मोबाइल कंपनियां हालांकि दावा अच्छी सेवा देने का करती हैं, लेकिन अगर आप परेशान हैं तो अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करा कर आप दूसरी मोबाइल कंपनी में जा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपने सर्किल के बाहर रहने जा रहे हैं, तब भी आप अपना नंबर पोर्ट करा सकते हैं। वहीं कई बार आप शहर में घर बदलते हैं, लेकिन उस जगह पर नेटवर्क की दिक्कत होती है। ऐसे में भी आप अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करा सकते हैं।
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