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सरकार का बड़ा फैसला : एक झटके में खुला बैंकों में 1 लाख नौकरियों का रास्ता

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नयी दिल्ली। बैंक में नौकरी चाहने वालों के लिए खुशखबरी है। बहुत जल्द बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों की बारिश होने वाली है। बैंकों में अगले वित्त वर्ष, जो कि अप्रैल से शुरू होने जा रहा, में 1 लाख से अधिक नौकरियों के अवसर हो सकते हैं। इसके पीछे सरकार का एक कदम है। दरअसल केंद्र सरकार ने बैंकों से कहा है कि वे 2020-21 में 15000 नयी ब्रांच खोलें। ये ब्रांच सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर के बैंकों द्वारा खोली जायेंगी। 15000 नयी बैंक ब्रांच का मतलब है कि इस सेक्टर में लगभग 1 लाख नयी नौकरियों के अवसर मिलेंगे। एक खास बात और है कि इन ब्रांचों को उन गावों के अंदर खोला जायेगा जहां अभी तक बैंकिंग सेवाएँ नहीं पहुँची हैं। इससे गावों को लोगों को लोन और सरकारी योजनाओं की सुविधा मिलेगी। ग्रामीण इलाकों के लोगों को साहूकारों से कर्ज लेने से मुक्ति मिलेगी। किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी लोन योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। सरकार की जन-धन योजना के तहत खातों की संख्या में भी इजाफा होगा।

15 किमी के दायरे में एक बैंक ब्रांच

15 किमी के दायरे में एक बैंक ब्रांच

अपने वित्तीय समावेशन एजेंडे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने बैंकों को ब्रांच खोले जाने के लिए स्थानों की एक सूची भी सौंपी है। एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित कर्जदाता करीब 15000 शाखाएँ खोलेंगे। वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि एक गाँव के 15 किलोमीटर के दायरे में वहां शाखा खोलें जहाँ कोई बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध न हों। बैंक वहीं शाखाएँ खोलेंगे जहां के लिए उन्हें सरकार ने निर्देश दिया है। एसबीआई जैसे बड़े सरकारी बैंकों को 1500 और प्राइवेट बैंकों को 600-700 शाखाएँ खोलने के लिए कहा गया है।

सस्ते लोन मिलेंगे
 

सस्ते लोन मिलेंगे

सरकार बैंको को उन गांवों और पंचायत क्षेत्रों में शाखाएँ खोलने के लिए कहा है जहां लोग बैंकिंग सेवाओं से वंचित है। इन इलाकों में बैंक ब्रांच खुलने से लोगों को सस्ते लोन मिलेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मार्च 2019 तक भारत में 1.20 लाख से अधिक बैंक शाखाएँ और 2 लाख से अधिक एटीएम हैं। इनमें 35,649 बैंक शाखाएँ ग्रामीण इलाकों में हैं। हालांकि क्षेत्रीय बैंकों सहित शाखाओं की संख्या ग्रामीण इलाकों में 52000 से है, जो 2018 के मुकाबले 3 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

आरबीआई के फैसले से मिली सुविधा

आरबीआई के फैसले से मिली सुविधा

लेकिन आरबीआई ने शाखा खोलने के लिए आसान प्रोसेस और कामकाज के नियमों में ढील दी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा रहित आउटलेट लगभग 5.5 लाख हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुल बैंकिंग आउटलेट्स में व्यापार कॉरेसपोंडेंट की हिस्सेदारी लगभग 91 फीसदी बनी हुई है। सरकार चाहती है कि बैंक अनबैंक्ड क्षेत्रों (जहां बैंक नहीं हैं) तक पहुँचें और अनौपचारिक लोन की जगह औपचारिक लोन शुरू करें, ताकि ग्रामीण लोगों को सस्ती दरों पर लोन मिले, जो अभी भी उच्च ब्याज दर पर लोन देने वालों पर निर्भर हैं।

यह भी पढ़ें - साल 2020 : बटेंगी 7 लाख नौकरियां, जानिए किस सेक्टर में सबसे ज्यादा

English summary

lots of jobs coming in banking sector chances will be more than 1 lakh

Banks will open branches where the government has instructed them. Major public sector banks like SBI have been asked to open 1500 branches and private banks 600-700.
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