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महंगाई : सब्जियों के बाद बढ़ सकते हैं फलों के दाम

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नयी दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में सब्जियों, खास कर प्याज, की बढ़ी कीमतों को लेकर देश में काफी हाहाकार रहा। कई सब्जियों ने सेंचुरी तो प्याज ने डबल सेंचुरी लगाई। सरकार और जनता के सामने सबसे अधिक समस्या प्याज की कीमतों की वजह से ही आयी। प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी का मुख्य कारण रहा कम पैदावार, जिससे मंडियों में आपूर्ति कम हो गयी और कीमतें आसमान छूने लगीं। कई जगह जरूरत से ज्यादा बारिश, बाढ़ और कुछ जगह कम बारिश ने प्याज की फसल को प्रभावित किया। केंद्र सरकार ने आपूर्ति बढ़ा कर प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तुर्की, अफगानिस्तान और चीन सहित कई देशों से प्याज का आयात किया। ताकि मंडी में अधिक प्याज होने से कीमतें कम हो सकें। काफी हद तक ऐसा हुआ भी। मगर अब सब्जियों के बाद के फलों पर महंगाई बढ़ने की संभावना है। इस साल आपको कई फल अधिक कीमतों पर खरीदने पड़ सकते हैं।

फलों की पैदावार कम होने के संकेत

फलों की पैदावार कम होने के संकेत

फलों की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी का कारण है कम पैदावार। कृषि मंत्रालय ने जारी किये अपने अनुमान में बताया है कि इस साल आम, केला, अंगूर, खट्टे फल, पपीता और अनार के उत्पादन में कमी आ सकती है। अनुमान के मुताबिक 2018-19 की तुलना में इन फलों की पैदावार 9.79 करोड़ टन से 2.27 फीसदी की गिरावट के साथ 9.57 करोड़ टन रह सकती है। इनमें आम का उत्पादन 2.13 करोड़ टन के मुकाबले 2.12 करोड़ टन और अनार का उत्पादन 29.1 लाख टन से 23.2 लाख टन रह सकता है। मगर सेब के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है। सेब का उत्पादन 23.1 लाख टन से बढ़ कर 27.3 लाख टन रह सकता है।

प्याज उत्पादन में 7 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

प्याज उत्पादन में 7 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान

सरकार के अनुमान के अनुसार कुल प्याज उत्पादन चालू 2019-20 फसल वर्ष में 7 फीसदी बढ़ कर 2.44 करोड़ टन रह सकता है। इससे पिछले कुछ महीनों में दिक्कत झेल चुके उपभोक्ताओं को उच्च कीमतों से राहत मिलेगी। प्याज का रकबा भी 12.20 हेक्टेयर से बढ़ कर 12.93 हेक्टेयर हो गया है। इससे प्याज का उत्पादन 2.28 करोड़ टन के मुकाबले 2.44 करोड़ टन रह सकता है। बता दें कि प्याज खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाया जाता है।

सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी

सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी

प्याज के साथ साथ कुल सब्जियों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। सब्जियों के उत्पादन में 2.64 फीसदी बढ़ोतरीका अनुमान है। भारत में प्याज के अलावा जिन दो सब्जियों का अधिक इस्तेमाल होता है, उनमें टमाटर और आलू शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि इन दोनों के उत्पादन में भी बढ़त का अनुमान लगाया गया है। आलू का प्रोडक्शन 5.01 करोड़ टन से बढ़ कर 5.19 करोड़ टन और टमाटर का उत्पादन 1.9 करोड़ टन से बढ़ कर 1.93 करोड़ टन रह सकता है। सब्जियों का कुल उत्पादन 18.3 करोड़ टन से बढ़ कर 18.8 करोड़ टन पर पहुँच सकता है।

यह भी पढ़ें - प्याज पर बवाल : आयात की गयी प्याज नहीं ले रहीं राज्य सरकारें

English summary

Inflation prices of fruits may increase after vegetables

Lower yields are the reason for the possible increase in the prices of fruits. In its estimate released by the Ministry of Agriculture has stated that the production of mango, banana, grapes may decline this year.
Story first published: Tuesday, January 28, 2020, 14:29 [IST]
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