भारतीय करते हैं सबसे अधिक इंटरनेट का इस्तेमाल, नेटफ्लिक्स जैसी साइटें खूब हैं पसंद
नयी दिल्ली। एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट का इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय पहले नंबर पर हैं। सस्ते डेटा प्लान, किफायती हैंडसेट, वीडियो सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता और 4जी नेटवर्क ने भारत में प्रति उपयोगकर्ता औसत डेटा खपत को 11 जीबी से अधिक करने में मदद की है। भारत में एक समय 1 जीबी डेटा की कीमत 250 रुपये थी, जो 12-13 रुपये तक आ गयी है। इसका बड़ा श्रेय जियो को जाता है। जियो ने 2016 में एंट्री की और मुफ्त में इंटरनेट दिया। इसके बाद अन्य कंपनियों ने भी डेटा के दाम बेहद सस्ते कर दिये। पिछले साल दिसंबर में टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्लानों की कीमतें बढ़ायी थीं, मगर इसके बावजूद अन्य देशों के मुकाबले भारत में डेटा काफी सस्ता है।
क्या है भारतीयों की पसंद
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नोकिया ने अपनी वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया ट्रैफिक इंडेक्स रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में भारत में कुल डेटा ट्रैफिक में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण 4जी की लगातार खपत है। देश भर में खपत किए गए कुल डेटा ट्रैफिक में 4जी डेटा का 96 फीसदी हिस्सा है, जबकि 3जी डेटा ट्रैफिक में 30 फीसदी की अब तक की सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक डेटा उपयोग दिसंबर में 11 गीगाबाइट (जीबी) रहा, जो सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की बढ़त है।
नेफ्लिक्स जैसी साइटें हैं पसंद
नोकिया इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी अमित मारवाह ने कहा कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी और स्पेन जैसे बाजारों के मुकाबले भारत में डेटा की खपत संभवत: वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा है। दिलचस्प बात यह है कि भारत में ब्रॉडबैंड की पहुंच 47 प्रतिशत है, जो चीन और अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में कम है। देश में वीडियो की खपत ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों (जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो और अन्य क्षेत्रीय सामग्री प्लेटफार्मों) की संख्या में तेजी के साथ बढ़ रही है। यानी भारतीय इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं।
रोजाना 70 मिनट बिताते हैं
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रोजाना औसतन 70 मिनट बिताते हैं। औसतन एक सत्र लगभग 40 मिनट तक चलता है। भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को नए अवसरों का लाभ उठाने और बढ़ती डेटा खपत के लिए अन्य कनेक्टिविटी समाधानों पर विचार करने की आवश्यकता होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4जी हैंडसेट डिवाइसों की संख्या 2019 में 50.1 करोड़ पहुँच गयी, जो 2018 तक 33 करोड़ थी। यानी इसमें करीब 1.5 गुना बढ़त हुई। इस दौरान वॉयस ओवर LTE (VoLTE) स्मार्टफोन की संख्या बढ़कर 43.2 करोड़ हो गयी।
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